पृथ्वीराज चौहान के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर संगोष्ठी सम्पन्न

gostee (2)अजमेर। पृथ्वीराज चौहान जयंति की पूर्व संध्या पर पृथ्वीराज चौहान के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अजमेर संग्रहालय में सम्पन्न हुई। यह संगोष्ठी भारतीय इतिहास संकलन समिति अजमेर, इन्टेक एवं संग्रहालय अजमेर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि राजस्थान लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष हबीब खां गौराण थे। जबकि अध्यक्षता भगवंत विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. लोकेश शेखावत ने की।
    कार्यक्रम का प्रारम्भ मुख्य अतिथि हबीब खां गौराण व अध्यक्ष लोकेश शेखावत द्वारा सम्राट पृथ्वीराज चौहान के चित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
      भारतीय इतिहास संकलन समिति अजमेर के अध्यक्ष डॉ. एन.के. उपाध्याय ने संकलन समिति का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया एवं सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जीवनी पर प्रकाश डाला।
    इन्टेक के अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र विक्रम सिंह ने अपने उद्बोधन में रिजर्व बैंक की ओर से सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर स्मारक सिक्का जारी करने की मांग की।
    इस अवसर पर इतिहास के विद्वानों ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यान दिए जिनमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बान्दरसींदरी में इतिहास के व्याख्याता डॉ. हरीश बेरी ने ‘‘पृथ्वीराज चौहान का बाल्यकाल एवं सिहांसनारोहण’’ विषय पर राजस्थान राज्य अभिलेखागार में पुरालेखाधिकारी डॉ. बसन्त सोलंकी ने ‘‘तराइन का प्रथम युद्ध’’ और ‘‘पृथ्वीराज चौहान’’ के विषय पर राजकीय महाविद्यालय किशनगढ़ की व्याख्याता डॉ. शमा खान ने ‘‘पृथ्वीराज रासो व पृथ्वीराज चौहान’’ विषय पर प्रसिद्ध इतिहासविद डॉ. सौभाग्य गोयल ने ‘‘पृथ्वीराज का मूल्याकंन एवं वर्तमान में प्रासंगिक्ता’’ विषय पर तथा राजकीय महाविद्यायल अजमेर के इतिहास में व्याख्याता डॉ. सर्वदमन मित्रा ने ‘‘पृथ्वीराज का समग्र मूल्याकंन’’ विषय पर अपने आलेख प्रस्तुत किये। इस अवसर पर इतिहासकार ओम प्रकाश शर्मा ने पृथ्वीराज चौहान से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी एवं तथ्यों को संगोष्ठी में रखा।
     संगोष्ठी में मुख्य अतिथि राजस्थान लोकसेवा आयेाग के अध्यक्ष हबीब खां गोराण ने अपने उद्बोधन में कहा कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान इतिहास की ऐसी महान् विभूति है जिसे युगों युगों तक स्वतत्रंता और राष्ट्राभिमान के लिए याद किया जाता रहेगा।
     संगोष्ठी में अध्यक्ष भगवंत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. लोकेश शेखावत ने इस बात पर जोर दिया जोर दिया की मैकाले की पाश्चातय् शिक्षा पद्धति के स्थान पर भारतीय शिक्षा पद्धति ही युवकों में संस्कार पैदा कर सकती है।
     कार्यक्रम में अंत में पदमश्री सी.पी. देवल ने सभी आगन्तुक अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया।      कार्यक्रम के अंत में इतिहासकार लक्ष्मी कुमारी चुंडावत के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की गई।
     इस संगोष्ठी में विधायक अनिता भदेल, पूर्व संासद रासासिंह रावत, पृथ्वीराज चौहान समारोह समिति के संयोजक वेदप्रकाश जोशी, समिति के सदस्य कंवल प्रकाश, संकलन समिति के सहसचिव जितेन्द्र जोशी, इतिहास के व्याख्याता अजय यादव व रतन मीणा उपस्थित थे। संगोष्ठी का संचालन भारतीय इतिहास संकलन समिति अजमेर के सचिव डॉ. हरीश बेरी ने किया।
डॉ. हरीश बेरी
सचिव
भारतीय इतिहास संकलन समिति अजमेर
मो. 9828254282
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