उदयपुर, भारत विकास परिषद् प्रताप नें महाराणा प्रताप जयंति के अवसर पर प्रताप गौरव केन्द्र पर अनुच्छेद 370 पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। सभी सदस्यों नें महाराणा प्रताप को पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी प्रतिमा को नमन किया। मुख्य वक्ता डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी नें कहा कि महाराणा प्रताप राष्ट्रीयता और स्वतंत्रता के अमर पुजारी थे। अकबर नें अति कुटिल कूटनीति रची थी। “किसी की ओर से सैनिक क्यों न मरे, थे वे हिन्दू ही और प्रत्येक स्थिति में विजय इस्लाम की ही थी।” यह कूटनीति थी अकबर की और महाराणा इसके समक्ष अपना राष्ट्र गौरव का भाव लेकर अडिग होकर उठे थे। अनुच्छेद370 भी शेख अब्दुला की इसी तरह की कूटनीति का परिणाम है। इससे केवल और केवल पाकिस्तान का ही भला हुआ है। 370 हिन्दू मुस्लिम विवाद का विषय नहीं है। एक देश में दो विधान और दो निशान अखण्डता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। 370 को हटाना समय की मांग है। संगोष्ठी का संचालन सहसचिव दिनेश महात्मा नें किया। संगोष्ठी में बसंत पोरवाल, नरेन्द्र पोरवाल, प्रकाश गांधी, रमेश काबरा, खुबीलाल तापड़िया, कमलेश धुप्पड़ आदि नें भागीदारी की।