जयपुर, सेवा समाप्ति आदेश को अपास्त कर समस्त परिलाभो सहित अपीलार्थी को पुनः सेवा में लेने के आदेश राजस्थान गेर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था आदर्श विद्या मंदिर समिति , भरतपुर को दिये। उल्लेखनीय है कि अपीलार्थी योगेश कुमार शर्मा जो अप्रार्थी संस्था में आचार्य के पद पर कार्यरत था को आदेश दिनांक 18-5-2005 को सेवा से मुक्त कर दिया गया। अपीलार्थी ने इससे पीडित होकर अपने वकील डी.पी. शर्मा के माध्यम से एक अपील अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत कर सेवा समाप्ति आदेश को चुनौती दी। अपीलार्थी अधिवक्ता का तर्क था कि मान्यता प्राप्त विद्यालय होने के कारण अप्रार्थी संस्था पर राज0 गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 एवम् नियम 1993 के प्रावधान लागू होते है। अप्रार्थी संस्था में आज तक मैनेजिंग कमेटी का गठन नहीं किया गया व सेवा समाप्ति आदेश विद्यालय की मैनेजिंग कमेटी अथवा सचिव की ओर से पारित नहीं किये जाने के कारण निरस्त किये जाने योग्य है। अधिनियम 1989 की धारा 9 व नियम 1993 के नियम 23 में किये गये प्रावधानों के अनुसार चयनित कमेटी प्रबन्धकारिणी नहीं होने के कारण आदेश विधि सम्मत नहीं है। अपीलार्थी अधिवक्ता का यह भी तर्क था कि निलम्बन आदेश जारी करने से पूर्व शिक्षा निदेशक की लिखित में सहमति प्राप्त नहीं की गयी जिसके कारण आदेश दिनांक 18-5-2005 विधि सम्मत नहीं हो सकता। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने सेवा समाप्ति आदेश दिनांक 18-5-2005 को निरस्त करते हुए समस्त परिलाभो सहित अपीलार्थी को सेवा में लेने के आदेश दिये साथ ही निलम्बन काल के वेतन तथा भत्तो के सन्दर्भ में पृथक से आवेदन प्रस्तुत करने हेतु अपीलार्थी को स्वतन्त्र माना।