समस्त परिलाभों सहित पुन: सेवा में लिए जाने के आदेश

jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर  के पीठासीन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार स्वामी ने प्रत्यर्थी संस्था मानव भारती बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, नीमड़ा गेट, भरतपुर के सेवा समाप्तिआदेश को अपास्त करते हुए अपीलार्थीगण को पुन: उनके पदों पर नियुक्ति देते हुये समस्त परिलाभों सहित पदस्थापित करने का आदेश दिया तथा साथ ही सेवास ााप्ति पर अपीलार्थीगणों को अग्रिम दिये गये ६ माह के वेतन को भी समायोजित करने के आदेश दिया गया। उल्लेखनीय है कि अपीलार्थीगण सुनिता गुप्ता व अन्य की नियुक्ति प्रत्यर्थी संस्था मानव भारती बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, नीमड़ा गेट, भरतपुर में दिनांक ०७-०३-१९८८ से २४-१२-१९९७ तक अध्यापक ग्रेड तृतीय के पद की गई, तत्पश्चात् अपीलार्थीगण द्वारा सेवा समाप्ति आदेश दिनांक १७-०५-२००२ तक अपने पदों पर कार्य किया। प्रत्यर्थी संस्था  राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजिकृत होने के कारण राज्य सरकार से ९० प्रतिशत अनुदान की राशि प्राप्त कर रही है। प्रत्यर्थी संस्था द्वारा अपीलार्थीगण को सेवा से मुक्त करने का कारण यह बताया गया कि प्रबन्ध समिति द्वारा शिक्षण संस्था को सर्वस मति से बन्द करने का निर्णय लिया गया है इसलिए अपीलार्थीगण की सेवाओं को सतत् रखा जाना स भव नहीं है। इससे पीडित होकर अपीलार्थीगण ने अपने वकील डी पी शर्मा के माध्यम से अपील प्रस्तुत कर उक्त सेवा समाप्ति आदेश को अधिकरण के समक्ष चुनौती दी। अपीलार्थीगण के वकील का तर्क था कि सेवा समाप्ति आदेश राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम  १९८९ व नियम १९९३ में वर्णित प्रावधानों की पालना किये बिना आदेश जारी किया था एवम राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 की धारा  18  तथा नियम 1993 के नियम 39 में यह प्रावधान किये गये है कि सुनवाई का अवसर देने के उपरान्त शिक्षा निदेशक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त कर सेवायें समाप्त की जायेगी यदि किसी कर्मचारी को सेवारत रहते हुए 6 माह से अधिक का समय हो चुका हो तो भी नियम 1993 के नियम 39 (2) में वर्णित प्रक्रिया अपनाया जाना आवश्यक रहेगा  राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 39 (2) में वर्णित प्रक्रिया का अनुसरण नहीं किया गया ऐसी स्थिति में सेवा समाप्ति का आदेश विधि विरूद्ध था।  मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने अपीलार्थीगण को समस्त परिलाभों सहित पुन: सेवा में लिए जाने के आदेश उक्त संस्था को दिये।

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