अंजुमन संस्था के अध्यक्ष एवं प्रमुख शायर खन्ना मुजफ्फरपुरी एवं उनकी पत्नी कृष्णा जी के निवास स्थान पर एक पारिवारिक एवं साहित्यिक गोष्ठी का अवसर बन आया। यह कार्यक्रम पुष्पा राव की अध्यक्षता में आगाज़ से अंत तक अपना रंग जमाये हुए था। जिसमें संपूर्णता लाने वाली मीनू मदान ने अपने सौम्य संचालन से निखार लाने की भरपूर कोशिश की। इसी अवसर पर देवी नागरानी जी के अनुवाद किए हुए कहानी संग्रह “बारिश की दुआ” का लोकार्पण आदरणीय पुष्पा राव, खन्ना जी, संतोष श्रीवास्तव, प्रमिला शर्मा की उपस्थिती में हुआ। इस संग्रह में संतोष श्रीवास्तव की कहानी ‘एक और कार्गिल’ भी सिंधी भाषा में शामिल है।
उपस्थित रचनाकारों व मेहमानों के हुजूम में शामिल रहे-लक्ष्मी यादव, सुमीता केशवा, प्रमिला शर्मा, नेहां वैध्य, हेमा दासानी, शिल्पा सोनटके , नज़मा, प्रभा सागर, अशोक व ममता प्रितमानी एवं डॉ. मनोहर अभय जिनहोने ने आफ्नै अपनी रचना पाठ से सभी को मोह लिया। खास बात इस अवसर की यह रही कि सुर संगीत के प्रवीण गायक कलमेश उपाध्याय ने खन्ना जी की ग़ज़लों को स्वर बधित करके सुंदर स्वरूप से ख़लिश भरी आवाज़ में पेश किया और खूब वाह वाह बटोरी। खन्ना जी ने सभी कविगन का आभार प्रकट किया, और फिर भोजन व्यवस्था का सभी ने आनंद लिया।
वाह देवी जी बहुत बहुत बधाई आपको..बहुत अच्छी खबर के लिए आपका आभार…आप जैसी स्नेहिल और अन्तरराष्ट्रीय साहित्यकारा का साथ ही हमारे लिए गर्व की बात है।