अजमेर। रहना नहीं देस विराना है, यह संसार कागज की पुड़िया, बूंद पड़े घुल जाना हैं। कबीर दास जी की प्रसिद्ध पंक्तियों की भजन रुप में मधुर प्रस्तुति एवं अनेक अशिकों की मौजूदगी में राजकीय संग्रहालय के पूर्व अधीक्षक स्व. सैयद आज़म हुसैन को प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर स्मरण किया गया।
राजकीय संग्रहालय के प्रांगण में मंगलवार शाम अनेक इतिहास प्रेमी, कला प्रेमी व गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में आयोजित सैयद आज़म हुसैन स्मृति समारोह में प्रसिद्ध गायक डॉ. नासिर मदनी ने अर्न्तमन की गहराइयों के साथ भावविभोर कर देने वाली गीतों की प्रस्तुति से सभी की आखें नम कर दी। अमीर मीरई की गज़ल ‘अजब जज्बाए सांस है तसव्वुर का वो पास बैठे हैं और इंतजार भी’ की प्रस्तुति से माहौल इतना गमगीन हो पड़ा की कई आसूंओं को पलकों की दीवार रोक नहीं पाई। फ्ययाज़ साहब द्वारा लिखित ‘कम नहीं मेरी जिन्दगी के लिए, चैन मिल जाए दो घड़ी के लिए’ गीत के दौरान आज़म साहब की याद में माहौल गमज़दा था। अंतिम भजन में मदनी ने ‘जीवन की घड़ियां व्यर्थ ना खो, ओउम् जपो ओउम् जपो’ गीत से बताया कि ओउम् की सुख का सार है, ओउम् ही जीवन का आधार है। इस दौरान तबले पर संगत भरत ने दी।
इस मौके पर पूर्व रक्षा सचिव अजय विक्रम सिंह, इतिहास विद् ओ.पी. शर्मा, राजकीय संग्रहालय के अधीक्षक सोहनलाल चौधरी, कबीर अहमद ने आज़म हुसैन के चित्र पर पुष्प अर्पित किए व दीप प्रज्वल्लन किया व आज़म साहब जैसे कर्मठ, निष्ठावान लोगों की अजमेर के विकास हेतु महती आवश्यकता बताते हुए कहा कि आज़म इंसानियत की भावनाओं के लिए जिए और वही काम करते रहे जिससे अतीत का जुड़ाव भविष्य में भी प्रतिबिम्बित होता रहेगा। लेखिका पूनम पाण्डे द्वारा आज़म हुसैन के व्यक्तित्व पर लिखित आलेख के फोल्डर का भी वितरण किया गया जिसमें उनके जीवन शैली को दर्शाते हुए लिखा था ‘आज के फार्मुला उसूलों से एक दम अलग सैयद आज़म अपने आप में किसी संग्रहालय की बेहतरीन कलाकृति से कम नहीं थे। आज़म साहब का ही सर्मपण भाव था जिन्होंने संग्रहालय एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की मरम्मत को केवल सरकारी खानापूर्ति ना समझ कर पुरातन महत्व की चीजों से अजमेर के हर बच्चे, बूढ़े, युवा वर्ग को अवगत करवाया।
अंत में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विजेता रही डी.बी.एन. इग्लिंश मीडियम स्कूल को चल वैजयन्ति प्रदान की गई व उप विजेता रही ब्लोसम स्कूल की टीम को पुरस्कृत किया गया। संचालन वर्तिका शर्मा ने किया।