-राहुल चौधरी- नागौर। कभी कांग्रेस के गढ़ रहे नागौर जिले में अब बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवाओं का भी कांग्रेस से मोह भंग हो गया है। हालात यह है कि आज कांग्रेस के हरावल दस्ते एनएसयूआई को यहां छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रत्याषी ही नहीं मिल पा रहे हैैं। जानकारों का कहना है कि आमजन में इसकी वजह जो बताई जा रही है वह है किसान केसरी स्वर्गीय बलदेव राम मिर्धा परिवार को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देना। इसका परिणाम यह हुआ कि पूरे जिले के किसान वर्ग और युवाओं में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया था और पार्टी ने जिस व्यक्ति को कांग्रेस का टिकट दिया था उसकी जमानत तक नहीं बच पाई थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव में बलदेव राम मिर्धा परिवार की पूरी तरह से अनदेखी की गई, जिसका परिणाम यह हुआ कि पूरे प्रदेष मेें किसान वर्ग की नाराजगी का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा और पार्टी की सबसे शर्मनाक हार हुई। अब यही हालात यहां छात्रसंघ चुनाव में भी देखने को मिल रहे हैं। यहां अधिकांष कॉलेजों में एनएसयूआई को ढूंढ़ने से भी प्रत्याषी नहीं मिल रहे हैं। यह हालात तब है जब एनएसयूआई के प्रदेष अध्यक्ष मुकेष भाकर स्वयं नागौर जिले से हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के प्रति यहां के युवाओं में भी काफी रोष है। जानकार सूत्रों का कहना है कि यह नाराजगी तब तक जारी रहेगी, जब तक बलदेव राम मिर्धा परिवार को कांग्रेस उचित प्रतिनिधित्व नहीं दे देती।