सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अखबार मालिकों की ओर से पत्रकारों और गैर पत्रकारों को मजीठिया वेतनबोर्ड के तहत बढ़े वेतनमान, एरियर और अन्य परिलाभ नहीं देने के मामले में राजस्थान के श्रम विभाग ने कठोर रुख अख्तियार कर लिया है। मामले में पत्रकारों की शिकायतों, केंद्रीय श्रम मंत्रालय के नोटिस और कुछ पत्रकार संघों के अवमानना नोटिस के बाद लेबर कमिश्नर रजत मिश्रा को प्रदेश के सभी अखबार मालिकों को पत्र भेजना पड़ा।
राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, समाचार जगत, महानगर टाइम्स, हिंदुस्तान टाइम्स समेत सभी देश व राज्यस्तरीय अखबारों को दो दिन पहले भेजे गए पत्र में लेबर कमिश्नर ने स्पष्ट कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक कर्मचारियों को अखबार मालिकों ने मजीठिया वेतनबोर्ड के हिसाब से वेतन परिलाभ का एरियर नहीं दिया है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। आदेश की पालना के लिए लेबर कमिश्नर को सभी अखबार मालिकों को 9 सितम्बर को श्रम कार्यालय बुलाया है।
साथ ही आदेश की पालना के लिए मीडिया संस्थानों ने क्या कार्य नहीं किया है, उसकी रिपोर्ट भी मांगी है। उधर, श्रम विभाग के इंस्पेक्टरों ने भी मीडिया संस्थानों में जाकर मजीठिया वेतनबोर्ड की पालना रिपोर्ट का निरीक्षण किया है। हालांकि बड़े अखबार समूहों ने इंस्पेक्टरों को घुसने नहीं दिया। बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए राजस्थान सरकार भी मजीठिया वेतनबोर्ड को लागू कराने के लिए कटिबद्ध दिख रही है।