अतिथि कलाकार साइराम अय्यर ने मन मोहा श्रोताओं का

कार्यक्रम में कला अंकुर के सदस्यों, एकेडमी के विद्यार्थियों एवं अजमेर के अन्य कलाकारों ने मोहम्मद रफ़ी के गाए गीत, गज़ल आदि प्रस्तुत किए। मेहमान कलाकार साइराम अय्यर ने ‘वो जब याद आए‘, ‘कुहु कुहु बोले कोयलिया‘, ‘अजहूँ ने आए बालमा‘,‘अभी न जाओ छोड़ कर‘ एवं ‘है अगर दुष्मन दुष्मन‘ गीतो को मोहम्मद रफ़ी एवं लता-आषा की आवाजों़ में प्रस्तुत कर सभागार में तालियाँ गुंजवा दी। इस प्रेस विज्ञपति के साथ कार्यक्रम में प्रस्तुत गीत व गायक गायिकाओं का विवरण संलग्न हैं । कार्यक्रम संचालन माधवी स्टीफन, कल्पना शर्मा, अनुराधा माथुर, मूमल एवं निषा जालोरी ने किया। संगीत संयोजन शेखर मिश्रा एवं सतीष दीक्षित ने किया। स्मरण-2014 की परिकल्पना एवं निर्देषन संस्था के संरक्षक कमलेन्द्र झा की थी। इस अवसर पर एक सचित्र ‘स्मारिका‘ भी प्रकाषित की गई जिसमें मोहम्मद रफी़ के जीवन व संगीत तथा कला अंकुर की जानकारी दी गई है। ‘स्मारिका‘ को अनिता बाल्दी एवं उनकी टीम ने तैयार किया। मंच सज्जा राजीव शर्मा, फोटोग्राफी फैलिक्स स्टीफन, ध्वनि व्यवस्था देवेष, विडियोग्राफी व प्रोजेक्षन चंद्र भाटिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम की व्यवस्थाएं रमाकांत अग्रवाल, रवि गर्ग, शरद गोयल, प्रीति तोषनीवाल एवं साथियों ने की। कार्यक्रम में स्मिता भार्गव के निर्देषन में रफी के गीतों पर नृत्य भी प्रस्तुत किये गये। कला अंकुर की वेब साईट पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण विवेक मोदी व अंकुर वर्मा ने सम्भाला।
विनीता चैहान
महासचिव