जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति विद्या निकेतन, बदनोर की हवेली, उदयपुर व प्रबन्ध समिति, भारतीय शिक्षा प्रचार समिति, बदनोर की हवेली, उदयपुर को आदेश दिया कि वे छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण कर पुनरीक्षित वेतनमान की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से भविष्य निधि विभाग द्वारा राजकीय कर्मचारियों को देय ब्याज की दर से प्रार्थीगण श्याम सुन्दर जैन एवं श्रीमती उषा कुमट को भुगतान करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थी श्याम सुन्दर जैन अध्यापक ग्रेड तृतीय के पद पर दिनांक ०१.०७.१९८१ को तथा प्रार्थिया श्रीमती उषा कुमट दिनांक ०१.०२.१९८० को सहायक अध्यापक के पद पर चयन समिति द्वारा स पूर्ण प्रक्रिया अपनाते हुये चयनित किये गये। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए ६० प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है। प्रार्थीगण ने अप्रार्थी संस्था से छठे वेतन आयोग के अनुसार बकाया वेतन देने का निवेदन किया। परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रार्थीगण के वकील डी.पी.शर्मा का तर्क था कि राजस्थान सिविल सर्विसेज (रिवाईज पे स्केल ) रूल्स, २००८ का लाभ राज्य सरकार के अधीनस्थ कर्मचारियो को दिनांक 1-9-2006 से दिया गया था तो मान्यता प्राप्त संस्था के कर्मचारी भी इसका लाभ उसी अनुसार प्राप्त करने के अधिकारी था। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने प्रार्थीगण को छठे वेतन आयोग का लाभ प्राप्त करने का अधिकारी मानते हुए उक्त लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।
डी. पी. शर्मा
अधिवक्ता
मो. 9414284018