जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने प्रार्थी को राज्य सरकार के आदेश दिनांक 25-1-1992 के अनुसार चयनित वेतनमान का लाभ एवम् उपदान संदाय अधिनियम 1972 में किये गये प्रावधानों के अन्तर्गत उपदान (ग्रेच्यूटी) के नकदीकरण का लाभ अदा करने के आदेश अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति बाल मंदिर विशिष्ट पूर्व प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय, शास्त्री नगर, ष्ईष् सेक्टर कॉक्स कुटीर के पास, जोधपुर को दिये। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी श्रीमती पार्वती सेन की नियुक्ति अप्रार्थी संस्था द्वारा दिनांक 31-7-1975 को सहायक अध्यापक के पद पर की गई। प्रार्थी का चयन नियमानुसार समिति द्वारा किया गया था। प्रार्थी सम्पूर्ण योग्यता तथा ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए अधिवार्षिकी आयु सम्पूर्ण करने पर दिनांक 31-1-1997 को सेवानिवृत हुई। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत होते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है जिसे अनुदान की राशि भी प्राप्त होती रही थी। पूर्व में अप्रार्थी संस्था ळतंदज पद ।पक जव जीम म्कनबंजपवदंस – ब्नसजनतंस प्देजपजनजपवदे त्नसमेए 1963 के अन्तर्ग चलायी जा रही थी। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को चयनित वेतनमान का लाभ आदेश दिनांक 25-1-1992 के द्वारा दिया है जिसे राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 की धारा 29 में मौजूद प्रावधानों के आधार पर प्रार्थी भी प्राप्त करने की अधिकारी थी। प्रार्थी को सेवानिवृति के पश्चात् उपदान की राशि का भी नियमानुसार भुगतान नहीं किया गया। इससे पीडित होकर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता डी पी शर्मा के माध्यम से आवेदन पत्र अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत कर उक्त लाभ दिलाने का निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता डी पी शर्मा का तर्क था कि प्रार्थी को नियमानुसार भुगतान नहीं करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तो के विपरीत एवम् राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 के प्रावधानों की खिलाफवर्जी में थी। इसलिए प्रार्थी देय होने की तिथि से 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी प्राप्त करने की अधिकारी है। राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था निय 1993 के नियम 82 में उपदान की राशि अदा करने से सम्बन्धित प्रावधान मौजूद है इसलिए प्रार्थी उपदान संदाय अधिनियम 1972 में किये गये प्रावधानों के आधार पर उपदान की राशि भी प्राप्त करने की अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने राज्य सरकार के आदेश दिनांक 25-1-1992 के अनुसार चयनित वेतनमान का लाभ एवम् उपदान संदाय अधिनियम 1972 में किये गये प्रावधानों के अन्तर्गत उपदान (ग्रेच्यूटी) के नकदीकरण का लाभ सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक वर्तमान में प्रावधायी निधि विभाग द्वारा राजकीय कर्मचारियों को देय ब्याज सहित राशि अप्रार्थी संस्था को तीन माह के भीतर -भीतर प्रार्थी को अदा करने के आदेश दिये तथा निदेशक , प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा राज0, बीकानेर को निर्देश दिया कि वह उपरोक्त निर्णय की पालना अप्रार्थी संस्था से कराया जाना सुनिश्चित करे।
डी.पी. शर्मा
एडवोकेट
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