हाईकोर्ट ने दिए बाहरी अभ्यथियों को नियुक्ति देने के आदेश

मेरिट आधार पर होगी बाहरी प्रत्याशियों की नियुक्ति

नेहरू भवन नगर परिषद ब्यावर। फोटो- हेमन्त साहू
नेहरू भवन नगर परिषद ब्यावर। फोटो- हेमन्त साहू

ब्यावर, (हेमन्त साहू)। नगर परिषद भर्ती को लेकर बाहरी लोगो को नौंकरी नही देने के बाद बाहरी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि मेरिट सूची में स्थान पाने के बाद भी उन्हें नगर परिषद प्रशासन की ओर से नियुक्ति नहीं दी गई। इस संबंध में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए कि नियुक्ति मेरिट आधार पर होनी चाहिए। ऐसे में उच्च न्यायालय ने 12 बाहरी प्रत्याशियों को नियुक्ति के आदेश दिए।
उच्च न्यायालय की ओर से 5 नवंबर 2014 को जारी आदेश में बताया गया कि दो महीने में 12 अभ्यर्थियों को नगर परिषद प्रशासन को नियुक्ति देनी है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश की पालना में आयुक्त मुरारीलाल वर्मा ने फिलहाल 11 अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का मानस बनाया है। जिनके नियुक्ति पत्र पर सभापति बबीता चौहान की सहमति बाद मंजूरी की मोहर लग सकती है।

अब नियुक्ति मिलेगी इन शर्तों पर:- परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी की परीवीक्षा की कालावधि के तहत नियत पारिश्रमिक अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार के भत्ते एवं लाभ देय नहीं होंगे। परीवीक्षाधी प्रशिक्षार्थी को कार्य ग्रहण काल एवं यात्रा भत्ता देय नहीं होगा।
यदि सरकार की राय में इनका कार्य या आचरण परीवीक्षा की समयावधि में संतोषप्रद नहीं पाया जाए तो सरकार या परिषद इन्हें सेवा से तुरंत विमुक्त कर सकेगी। दिनांक 1 अगस्त 2002 को या इसक बाद दो से अधिक संतान होने की अवस्था में यह नियुक्ति स्वत: ही निरस्त मानी जाएगी। इस संबंध में प्रतिवर्ष यह अप्रैल में अभ्यर्थी द्वारा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
अभ्यर्थी पर भविष्य में राजस्थान सिविल सेवा नियम 2005 एवं राजस्थान सेवा नियम एवं उनमें समय-समय पर किए गए परिवर्तन आदेश लागू होंगे। अभ्यर्थी पर सभी प्रकार के चिकित्सा भत्ते आदि नियम लागू नहीं होंगे। यह अस्थाई नियुक्ति आदेश आवेदक द्वारा आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों एवं शपथ पत्र के आधार पर किए जा रहे हैं। यह नियुक्ति संबंधित सेवा नियमों और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों में अधिकथित निबंधनों एवं शर्तों के अध्ययीन होगी।
यह नियुक्ति अभ्यर्थी अपने निवास जिले के संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक से प्राप्त चरित्र प्रमाण पत्र में सतोषजनक प्रमाण पत्र की शर्त पर है। अभ्यर्थी को राजस्थान सेवा नियमो के अधिनियम 10 के अनुसार निर्धारित स्वास्थ्य परीक्षा प्रमाण पत्र जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी या पीएमओ का प्रस्तुत करना होगा अन्यथा उपस्थिति स्वीकार्य नहीं होगी अभ्यर्थी को चयनित वेतनमान का लाभ देय नहीं होगा। यदि किसी अभ्यर्थी द्वारा अपने आवेदन या शपत्र पत्र में कोई भी तथ्य जान बूझकर छिपाए गए हैं तो यह नियुक्ति स्वत: ही निरस्त मानी जाएगी। उक्त आदेश के अध्ययीन यदि जिन परिवारों के एक से ज्यादा अभ्यर्थियों के नाम सम्मिलित है बाद में जानकारी मिलने पर सभी को नौकरी से पृथक किया जा सकेगा। स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान जयपुर के दिशा-निर्देशानुसार संबंधित संस्थाओं द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच उपरांत संदेहास्पद पाए जाने पर निर्देशानुसार नियुक्ति आदेश निरस्त समझे जाएंगे।

इन्होने बताया:-
ऐसे में फिलहाल नियमानुसार 11 अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है। जिन्हें सभापति की सहमति मिलने के बाद नियुक्ति दे दी जाएगी। हाईकोर्ट की ओर से बाहरी अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति देने के संबंध में आदेश मिले हैं।
-मुरारी लाल वर्मा, आयुक्त, ब्यावर

बाहर अभ्यर्थियो के भर्ती का मामला मेरी जानकारी में आया है। न्यायालय के आदेशो की पालना करते हुए अवश्य पालना की जाएगी। -बबीता चौहान, सभापति, नगर परिषद, ब्यावर

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