लेबर यूनियनों ने किया उर्जा मंत्री पीयूष गोयल की मीटिंग का बायकॉट

Piyus goyelकेंद्र सरकार के कोयला अध्यादेश के खिलाफ लेबर यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है. यूनियनों ने न केवल शनिवार साढ़े चार बजे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक का बॉयकॉट किया, बल्कि 6 जनवरी से पांच दिन की हड़ताल का भी ऐलान कर दिया है. यूनियनें जिस प्रकार से अध्यादेश का विरोध कर रही हैं, उसे देखकर लगता है कि मोदी सरकार के लिए यह नई मुसीबत न बन जाए.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 26 दिसंबर 2014 को ही बीमा और कोयला क्षेत्र से जुड़े दो अध्यादेशों पर हस्ताक्षर किए थे. इससे बीमा क्षेत्र में अतिरिक्त विदेशी निवेश आकर्षित करने और रद्द कोयला खदानों के फिर से आवंटन का रास्ता तो साफ हो गया, लेकिन कोयला अध्यादेश लेबर यूनियनों को रास नहीं आ रहा है.
‘कोयला खदान स्पेशल प्रोविजंस अर्डिनेंस-2014’ का विरोध कर रही यूनियनों का कहना है कि सरकार कोयला उद्योग का निजीकरण करना चाहती है. उनका आरोप है कि पिछली सरकारों की ओर से किए गए वादे के विपरीत बिना ट्रेड यूनियनों से चर्चा किए यह अध्यादेश लाया गया. इसके अलावा कई क्लॉज ऐसे भी हैं, जो मजदूरों के हक छीनते हैं.

आजतक से साभार

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