अजमेर में ऑन कॉल टेक्सी को लेकर ऑटो वालो की हड़ताल की निंदा सभी कर रहे हैं। कहना है की मनमानी रोकनी चाहिये। पर क्या आम लोगों के ये विरोध क स्वर हाकिम तक पहुँचे हैं ? परिवहन विभाग और प्रशासन मिलकर इस दिशा काम करे तो हर कोई ख़ुश हो सकता है । कमी है तो सिर्फ इच्छा शक्ति की। ऑटो वालो का भी परिवार है, बच्चे हैं । ये तो बेचारे रोज़ कुआँ खोदकर पानी पीते हैं। बजाय इन्हें नुकसान पहुँचाने के कोई ऐसा रास्ता निकाला जाना चहिए जिससे किसी को नुकसान न हो। ऑन काल टैक्सी पूंजीपति की उपज है। जिला प्रशासन को चाहिए की वो बड़े शहरों की तरह ऑटो में मीटर की अनिवार्यता कर दे । दर भी निर्धारित कर दे ताकि इनकी मनमानी भी रुक सके और ये न बेरोजगार हों और न इनके परिवार भूखे मरे। ट्राफिक पुलिस इसकी ईमानदारी से मॉनीटरिंग करे । तो शायद विरोध का ये शोर थम सकता है ।
-अरविंद अपूर्वा
