बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन चुनौतीपूर्ण कार्य- चौधरी

bser 450अजमेर। राजस्थान माध्यमिक षिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन चुनाव की भॉंति षिक्षा अधिकारियों और बोर्ड के लिये एक संवेदनषील चुनौतीपूर्ण कार्य है। षिक्षक, षिक्षा अधिकारियों और बोर्ड कार्मिकों का समाज की कसौटी पर खरा उतरने का एक पैमाना बोर्ड परीक्षाओं का सफल आयोजन भी है। वैसे तो विद्यार्थी का के.जी. कक्षा से 7वीं कक्षा तक कदम-कदम पर स्कूली षिक्षा में मूल्यांकन होता है, परन्तु आम धारणा है कि बोर्ड परीक्षाओं में यह मूल्यांकन पारदर्षी, निष्पक्ष और गुणवत्तायुक्त होता है। षिक्षकों का महति दायित्व है कि वे बोर्ड परीक्षाओं को स्कूली विद्यार्थी की पहली सार्वजनिक परीक्षा होने के नाते उसे अनुचित साधनो से विहीन और निर्विध्न रूप से सम्पन्न करावें। आगामी मार्च माह में तीस लाख विद्यार्थियों के लिए केन्द्रीयकृत रूप से परीक्षा आयोजन करने वाला राजस्थान बोर्ड देष का सबसे बड़ा परीक्षा संस्थान होगा।
बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल.चौधरी राजस्थान माध्यमिक षिक्षा बोर्ड की वर्ष-2015 की परीक्षाओं के सफल संचालन के संबंध में सोमवार को बोर्ड स्थित राजीव गांधी सभागार में आयोजित प्रदेष के षिक्षा उप निदेषकों व जिला षिक्षा अधिकारियों (माध्यमिक एवं प्राथमिक) एवं प्रधानाचार्य (डाइट) की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं से राज्य के एक करोड़ लोगों की भावनाऐं जुड़ी है, और बोर्ड परीक्षा के आयोजन से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख व्यक्ति जुड़े है। परीक्षा आयोजन की कड़ी में छोटी सी कमी से पूरी परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है। उन्होंने बताया कि आठवीं बोर्ड, सैकण्डरी और सीनियर सैकण्डरी स्तर की सभी परीक्षाआंें के प्रवेष पत्र संबंधित विद्यालय को बोर्ड की वेबसाईट से डाउनलोड करने होगें और शाला प्रधान के प्रमाणीकरण के पश्चात् ही यह वैध होगे। उन्होंने षिक्षा अधिकारियों से कहा कि परीक्षा केन्द्र पर इंटरनेट और फोटो स्टेट के प्रयोग को पूर्णतः प्रतिबन्धित करने की कार्यवाही करे तथा परीक्षा केन्द्र के आस-पास की इंन्टरनेट और फैक्स की दुकानों पर भी कड़ी निगरानी रखी जावें। परीक्षा काल में परीक्षा केन्द्रों पर कोचिंग और हॉस्टल संचालन आदि गतिविधियों पर प्रतिबन्ध रहेगा।
उन्होंने कहा कि बोर्ड का ध्येय है कि स्कूली विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र जाने के लिये कम से कम दूरी तय करनी पडे। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण का कार्य संबंधित जिले के जिला षिक्षा अधिकारी की अनुषंषा पर होता है। परन्तु कई प्रकरणों में जिला षिक्षा अधिकारी बिना भौगोलिक जानकारी के परीक्षा केन्द्र बनाने की अनुषंषा कर देते है, जिसका खामियाजा बोर्ड, परीक्षार्थी और अभिभावक को भुगतना पड़ता है। उन्होंने जोर देकर षिक्षा अधिकारियों से कहा कि आगामी परीक्षाओं के लिये परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण हेतु क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये ही अपनी अनुषंषाऐं बोर्ड को भेजे।
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा की बोर्ड परीक्षाओं के लिये जिला षिक्षा अधिकारी के स्तर पर प्रत्येेक दो तहसील के मध्य एक उडनदस्ता तैनात किया जायेगा। सभी उडनदस्तों को अपने क्षेत्र के किसी भी परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा प्रारम्भ होने से 45 मिनट पूर्व पहुचने के निर्देष जारी किये जायेंगे ताकि वे परीक्षा प्रारम्भ होने से पूर्व की जाने वाली व्यवस्थाओं का भली-भॉंति जायजा ले सकें। इस वर्ष बोर्ड ने चार नये उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्र बनाये है। इस वर्ष भी प्रदेष के सभी उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्रों से परीक्षा आयोजन की तिथि के दिन ही समस्त उत्तर पुस्तिकाऐं विषेष वाहन से बोर्ड कार्यालय मंगवा ली जायंेगी। इन सभी उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्रो पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जा रहे है। इसी तरह सभी संवेदनषील और अतिसंवेदनषील परीक्षा केन्द्रों पर भी सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जा रहे है, जिनका नियंत्रण सीधे बोर्ड कार्यालय में होगा।
निदेषक- प्रारंभिक षिक्षा बी.एल.मीणा ने कहा कि राजस्थान बोर्ड द्वारा आयोजित कराई जाने वाली आठवीं बोर्ड की परीक्षाओं मे 10 लाख 8 हजार विद्यार्थी सम्मिलित होगे। आठवीं बोर्ड में विज्ञान और गणित विषय को छोडकर शेष प्रष्न पत्र हिन्दी भाषा में होगे, भाषा विषय के प्रष्न पत्र भाषा अनुरूप होगे। विज्ञान और गणित के प्रष्न पत्र सभी छात्रों के लिए द्विभाषी अर्थात हिन्दी और अंग्रेजी में छपवाए गए है, जिससे छात्रों को तकनीकी शब्दों की वजह से कोई परेषानी नहीं हो। आठवीं बोर्ड की परीक्षाऐं माध्यमिक परीक्षाओं के साथ दोपहर 2.00 बजे से 5.00 बजे के सत्र में आयोजित होगी।
बोर्ड के सचिव महेन्द्र प्रकाष शर्मा ने कहा कि सरकार भी बोर्ड परीक्षाओं के सफल आयोजन के लिये प्रतिबद्ध है। गत माह जयपुर में हुई राज्य उच्चाधिकार प्राप्त परीक्षा समिति की बैठक में षिक्षा मंत्री ने भी संकेत दिये कि बोर्ड परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाष्त नहीं होगी। उन्होंने षिक्षा अधिकारियों से कहा कि वे अपने अधिनस्थ प्राचार्यो को निर्देषित करें कि वे अपने क्षेत्र के तहसीलदार और स्थानीय पुलिस स्टेषन के अधिकारियों से परीक्षा की व्यवस्था के सन्दर्भ में सहयोग लें। उडनदस्तों द्वारा किसी भी परीक्षा केन्द्र के संबंध में कन्ट्रोल रूम को दी गई अनियमितता की षिकायत को तत्काल गम्भीरता से लेते हुए त्वरित कार्यवाही करें और बोर्ड प्रषासन को भी अवगत करायंे।
विषेषाधिकारी – परीक्षा श्रीमती प्रिया भार्गव कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के निर्बाध संचालन से बोर्ड, राज्य सरकार और षिक्षा विभाग की समाज में साख बनी रहे इसका दायित्व षिक्षा अधिकारियों का है। उन्होंने कहा कि षिक्षा अधिकारी परीक्षाओं के सफल संचालन के लिये जिला प्रषासन से निरन्तर सम्पर्क में रहे और तालमेल बनाकर चलें। वे अपने क्षेत्रों की परीक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण करें और विषेष रूप से प्रष्न-पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित करें। परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग के संबंध में लागू राजस्थान सार्वजनिक अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम-जन को अवगत करायंे।
बोर्ड के निदेषक गोपनीय जी.के.माथुर ने कहा कि इन परीक्षाओं के लिए आगामी सात मार्च से बोर्ड कार्यालय और राज्य के सभी जिला षिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) के कार्यालय में परीक्षा कंट्रोल रूम कार्य करने प्रारम्भ कर देगें जो परीक्षा समाप्ति तक अनवरत कार्यरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त परीक्षा समिति ने सभी राजकीय सेवारत व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षाओं के लिये उŸार पुस्तिका मूल्यांकन करना आवष्यक कर दिया है परन्तु अब तक कई व्याख्याताओं ने उŸार पुस्तिका मूल्यांकन के लिये अपनी सहमति से बोर्ड को अवगत नहीं कराया। उन्हांेने षिक्षा अधिकारियों से कहा अपने नियन्त्रणाधीन व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिये तत्काल बोर्ड को सहमति भेजने के लिये निर्देषित करें। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने इस वर्ष परीक्षा के दौरान होने वाली वीडियोग्राफी के तकनीकी मापदण्ड तय किए हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों को इस वर्ष संत्राक बोर्ड को ऑनलाईन प्रेषित करने होगंे। यह नवीन व्यवस्था इसलिए लागू की गई है कि गत वर्षों में विद्यालयों द्वारा संत्राक के प्रेषण में अनावष्यक विलम्ब किया जाता था जिससे बोर्ड परीक्षा परिणाम भी विलम्बित होता था।
बोर्ड की विŸाीय सलाहाकार अमृत दवे ने कहा कि बोर्ड इस वर्ष सभी परीक्षकों और विद्यालयों को बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित मानदेय व अन्य भुगतान ऑनलाईन करेगा। गत वर्ष की परीक्षाओं के कुछ भुगतान इसलिए बकाया रह गये कि संबंधित द्वारा उपलब्ध कराये गये बैंक खाता संख्या त्रुटिपूर्ण थे।
बैठक को बोर्ड के उप निदेषक षिवशंकर अग्रवाल, घनष्याम मीणा, राजेन्द्र गुप्ता, ए.सी.पी. राजेन्द्र भट्ट, सहायक निदेषक विजेन्द्र चतुर्वेदी और श्रीमती सुमन सिंह भी उपस्थित थे।

-राजेन्द्र गुप्ता, उप निदेषक (जनसम्पर्क)

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