मुफ़्ती की कार्यशैली

mufti mohammad sayeedमुफ़्ती की कार्यशैली पर एक ऐतिहासिक घटना याद पड़ती है।
जर्मनी मे जब हिटलर ने प्रथम विश्वयुद्ध से लस्त पस्त पिटे हुए जर्मनी मे पहली बार अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा तब उसकी पार्टी को काफी कम सीटें मिली लेकिन चान्सलर उसकी पार्टी के समर्थन से ही बना। हिटलर ने अपने किसी संसद को मंत्री नहीं बनवाया और बाहर से समर्थन दिया। 8 महीने तक पूरे जर्मनी मे घूम घूम कर अपने चरम राष्ट्रवाद के सिद्धान्त को पोषित किया और जर्मन जनता को ये विश्वास दिलाया कि वो इस धरती के सबसे गुणी जीन्स के आर्य है और हिटलर ही वो व्यक्ति है को उनको और उनके राष्ट्र को परम वैभव पर ले जा सकता है। 8 माह बाद हिटलर ने बिना किसी कारण सरकार गिरा दी और उसके बाद के चुनावो मे 80% सीटो के साथ वो जर्मनी का चान्सलर बना। उसके बाद वो वो हिटलर बना जिसको सारी दुनिया आज भी जानती है।
मुफ़्ती के राजनितिक टैलेंट की मै इसी तरह दाद देना चाहता हु।आतंकवादियो और पाकिस्तान की तारीफ पर अडिग रह कर इस मुसर्रत आतंकी को छोड़ कर उसने अपने मुस्लिम वोट बैंक और अलगाववादियों को अपना पूरी तरह मुरीद बना लिया है। अब BJP समर्थन वापस भी लेती है तो भी वो अबदुल्ला परिवार की National Confrence की 18 मुस्लिम सीट और कोंग्रेस की 15 सीट पर जबरदस्त जीत दर्ज करेगा और जम्मू क्षेत्र के हिन्दुओ की BJP से नाराजगी के चलते वहां भी BJP की कई सीटें ले जायेगा। राम माधव जी अरुण कुमार जी मोदी जी जैसे थिंक टैंक सिर्फ थिंक करते रह जायेंगे कि ये उनके साथ हुआ क्या? अब पछताए होत क्या जब गिद्ध उजाड़ गए खेत।
माँ भगवती जम्मू कश्मीर की रक्षा करे।
बाबा अमरनाथ ही कोई रास्ता खोजे।
आपका छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर छला गया भाई—
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