-सुमित सारस्वत- संगीत की स्वर लहरियां, हवा में उछलते पुष्प और झूमती महिलाएं। चैत्र में भी फाल्गुन मास की भक्तिमय मस्ती का यह अलौकिक नजारा दिखा ब्यावर के बांकेबिहारी मंदिर में। मौका था राधिका मंडल की ओर से आयोजित विशाल फाग उत्सव का। यहां के.सुदामा भजन मंडल की ओर से भजनों की प्रस्तुति दी गई। गायक भागचंद चौहान व महेंद्र सांखला ने हरिनाम संकीर्तन व गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से.., रंग मत डाले रे सांवरिया.., तुझे देख-देख कान्हा.., नैणा नीचा कर ले.., मेरे बांकेबिहारी लाल.., राधिका गौरी से.. जैसे भजनों पर भक्त प्रभु प्रेम में मग्न हो गए। ढोलक की थाप और मंजीरों की झनकार के बीच फाग गीतों की धमाल पर हर भक्त झूम उठा। राधिका मंडल की सखियों ने सांवरे को जमकर रिझाया। कृष्ण और राधा का रूप धरे बच्चों का भावपूर्ण नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। तीन घंटे चले इस आयोजन में फूलों से होली खेली गई। फागोत्सव के मौके पर मंदिर को आकर्षक रूप में सजाया गया। राजस्थानी परिधान पहनाकर किया गया बांकेबिहारी का नयनाभिराम शृंगार हर भक्त का मन मोह रहा था। आरती के पश्चात् माखन मिश्री और मथुरा के पेड़े प्रसाद में वितरित किए गए। हीरालाल जगन्नाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष माणक डाणी ने सुंदर आयोजन के लिए सभी का आभार जताया। कार्यक्रम संयोजिका ट्विंकल गर्ग, संगीता गर्ग, ऊषा बंसल, किरण चोखानी, सीमा सर्राफ, प्रियंका डाणी, दीपिका सर्राफ, सपना अग्रवाल, प्रीति सर्राफ, एकता अग्रवाल, सुमित्रा जैथल्या, अनिता शर्मा, चंचल सोलीवाल, आनंदी सोनी, नीरु बंसल, गीता कच्छावा, अंजू गर्ग, शैली शर्मा, कांता बंसल, इंदु जोशी, कृष्णा शर्मा, अविनाश गर्ग, लोकेंद्र गर्ग, राजू सर्राफ, संजय गर्ग, सुनील जैथल्या, रोहित डाणी, जिम्मी, विजय, गोपाल, धर्मेंद्र, राजेंद्र शर्मा, घनश्याम गर्ग, सतीश गर्ग, सुनील गर्ग सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया।
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