देहली गेट से आगे ढोल-ताशे व जुलूस के साथ नहीं ले जाई जा सकेगी चादर

अजमेर, 10 अप्रेल। सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 803 वें सालाना उर्स के दौरान जायरीन द्वारा लाई जाने वाली चादरें देहली गेट से आगे ढोल-ताशे एवं जुलूस के साथ नहीं ले जाई सकेगी। जायरीन बगैर ढोल-ताशे एवं जुलूस के चादर दरगाह तक ले जा सकेंगे।
जिला मजिस्ट्रेट डाॅ. आरूषी मलिक ने बताया कि ढोल-ताशे, बैण्ड एवं जुलूस के साथ चादर ले जाने से उर्स में आने वाले जायरीन को परेशानी होती है एवं रास्ता भी जाम हो जाता है। ऐसे में जायरीन द्वारा चढ़ायी जाने वाली चादर देहली गेट से दरगाह तक बगैर ढोल-ताशे एवं जुलूस के ही ले जाई सकेगी।
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