जयपुर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर नियंत्राण के लिए समाज की मानसिकता को बदलना होगा। महिलाओं को शिक्षित करके और उन्हें अधिकारों के प्रति जागरूक बनाकर ही उनके खिलाफ अपराधों मंे कमी लाई जा सकती है।
श्रीमती भदेल सोमवार को एक निजी चैनल के ‘समाज में महिलाओं पर किए जा रहे अत्याचार, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न एवं आत्महत्या’ विषय पर एक टॉक शो में हिस्सा ले रही थीं। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों की स्थिति को बदलने के लिए हर व्यक्ति की सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के जरिए महिला अपना पक्ष बेहतर तरीके से रख सकती है, कानून का इस्तेमाल कर सकती है। बाल विवाह जैसी कुरीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि माता-पिता लड़की को बोझ न समझें और उसे पढ़ा-लिखाकर जिम्मेदारी को बखूबी निभाएं, तभी इस कुरीति पर अंकुश लगाया जा सकता है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्राी ने कहा कि हाल ही राजस्थान विधान सभा में डायन प्रताड़ना निवारण विधयेक-2015 लागू हो चुका है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी महिला को डायन करार देता है तो कानून के जरिए उसे अधिकतम 7 साल और न्यूनतम 3 साल की सजा भुगतनी पड़ेगी। उन्होंने भू्रण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भू्रण हत्या के ज्यादातर मामले गांवों की अपेक्षाकृत शहरों में देखने में आ रहे हैं। पढ़े-लिखे लोगों को भी समझना चाहिए कि अगर भू्रण हत्या के मामलों में इसी तरह बढ़ोतरी होती रही तो हालात बहुत विकराल हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि महिलाएं खुद को आत्मविश्वासी और सशक्त महसूस करें। उन्होंने बताया कि हाल ही राज्य में घोषित पाटकर योजना के तहत स्कूली लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला सलाह सुरक्षा केंद्र और अपराजिता सेल कार्य कर रहे हैं। उन्होंने माना कि प्रदेश में महिलाओं से संबंधित कानूनों के प्रति जागरूकता फैलाने की और भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ निजी संस्थाओं को भी इसमें आगे आने की जरूरत है।
कार्यक्रम में अभिनेत्राी सुश्री साक्षी तंवर ने भी शिरकत करते हुए कहा कि सबसे पहले खुद महिला को ही सशक्त होना पड़ेगा। महिलाएं अन्याय और हिंसा के प्रति विरोध करना भी सीखें।
टॉक शो में राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती पवन सुराणा, अधिवक्ता शालीनी शिरॉन, सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव और श्रीमती रेणुका पामेचा के अलावा सैकड़ों छात्राएं भी उपस्थित थीं।
