उर्स 803 का अनौपचारिक आगाज़, बुलंद दरवाजे पर चढ़ा झंडा

jhanda1jhanda 3jhanda 2अजमेर 15 अप्रेल। ख्वाजा गरीब नवाज़ रअ. के 803वें उर्स का अनौपचारिक आगाज़ बुधवार षाम को बुलंद दरवाजे पर झंडे चढ़ने के साथ हो गया। भीलवाड़ा के गौरी खानदान ने अपने पीरो मुर्षद अब्दुल सत्तार बादषाह जान की परंपरा को जिंदा रखते हुए बुलंद दरवाजे पर झंडा पेष किया। झंडे की रस्म में देष विदेष से बड़ी संख्या में अकीदतमंदो ने हिस्सा लिया। आषिके ख्वाजा की ख्वाहिष थी की एक मर्तबा दरबार में पेष होने वाले झंडे को चुम लें ताकी उसकी पाकी से उनकी जिंदगी में एक नई ताज़गी पैदा हो जाए।
झंडे का जुलूस पारंपरिक तौर पर साय 5 बजे दरगाह कमेटी, गेस्ट हाउस से प्रारंभ हुवा। सूफियाना कलामो के बीच जुलूस लंगर खाना गली से निजाम गेट पर पहुंचा। जहां सीआपीएफ के बैंड ने अपनी मधुर धुनों से माहौल को ओर खुषनुमा बना दिया। इसके बाद बड़ी देग की तरफ से झंडा बुलंद दरवाजे पर पहुंचा। जहां पारंपरिक तौर पर झंडे को बुलंद दरवाजे पर नस्ब किया गया। इसके बाद उर्स की कामयाबी और देष में अमन चैन खुषहाली की के लिए दुआ मांगी गई। इस अवसर पर दरगाह कमेटी अध्यक्ष श्री असरार अहमद खान ने विषेष तौर से झंडे की रस्म में हिस्सा लिया। झंडा पेष होने साथ ही दरगाह षरीफ के मामूल में परिवर्तन आ गया है। आस्ताना षरीफ में खिदमत दिन में दो समय की जगह अब रात्री को एक समय होगी।

झंडे की परंपरा
इस्लामी तारिख 25 जमादी उस्सानी को झंडे की परंपरा 1928 में जनाब अब्दुल सत्तार बादषाह जान (रअ) ने प्रारंभ की थी। 1928 से 1943 तक आप यह झंडा पेषावर से अजमेर लाए। 1944 यह जिम्मा आपने अपने अजीज मुरीद जनाब लाल मोहम्मद गौरी साकिन भीलवाडा को सौंपा। 1991 मे आपके विसाल के बाद यह जिम्मा आपके बडे बेटे मोईनुद्दीन गौरी ने संभाला। मोईनुद्दीन गौरी साहब के इंतेकाल के बाद 2007 से यह जिम्मा आपके बड़े बेटे जनाब फखरूद्दीन गौरी साहब अंजाम दे रहे है।
जुलूस का आगाज जनाब सय्यद अबरार अहमद की सदारत में सूफियाना कलामों के साथ दरगाह कमेटी गेस्ट हाउस से षुरू होता है। जुलूस में सबसे आगे झंडा षरीफ रहता है इसके बाद 11 पीतल के थालों में मीठे इलायची दाने और मक्खन बडे और में फूल ले जाए जाते है। जुलूस गेस्ट हाउज से असर की नमाज के बाद से लंगर खाना गली, निजाम गेट होते हुए बुलंद दरवाजे पहुचता है। जहा पर सैकड़ो आषिकाने की ख्वाजा की मौजूदगी में बुलंद दरवाजे पर नस्ब किया जाता है और मुल्क में अमन चैन खुषहाली की दुआ की जाती है।

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