
अजमेर, 20 अप्रैल। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि नामांकन एवं गुणवत्ता एक दूसरे की पूरक है। गुणवत्ता में जितनी वृद्धि होगी, विद्यालयों में उसी अनुपात में नामांकन भी बढेगा। उन्होंने अचरज जताया कि प्रदेश में 54 शिक्षक संगठन कार्यरत है। उन्होंने शिक्षा जगत को ट्रेड युनियनवाद से दूर रखने और परिवार का भाव जागृत रखने पर जोर देते हुए कहा कि षिक्षक संघों की गिरदावरी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि षिक्षा का प्रथम उद्देष्य देष के भविष्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है।
श्री देवनानी आज यहां सुभाष चैक स्थित सेंट माइकिल सैकण्डरी स्कूल में पुरस्कृत षिक्षक फोरम द्वार आयोजित ‘नामांकन वृद्धि एवं षिक्षा में गुणवत्ता’ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे बड़ी आवष्यकता यह है कि हम सभी मिलकर सरकारी विद्यालयों को सषक्त बनाएं। नामांकन में वृद्धि के लिए स्व प्रेरणा से कार्य करें और षिक्षा क्षेत्र में प्रदेष को देष का अग्रणी राज्य बनाएं।
उन्होंने स्कूली षिक्षा के लिए आवंटित प्रदेष के 197 अरब के बजट की चर्चा करते हुए कहा कि संषाधनों की कमी नहीं है, जरूरत मंषा की है। हम सभी मिलकर सोचें कि कैसे स्कूलों में षिक्षकों का ठहराव हो, कैसे विद्यार्थी को बेहतर से बेहतर षिक्षा प्रदान करने के लिए प्रभावी प्रयास हों। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में समय वृद्धि बच्चों के भविष्य के लिए हैं। षिक्षा सेवा क्षेत्र है, यहां मालिक-मजदूर का रिष्ता नहीं है। वेतन के लिए षिक्षण का कार्य नहीं होता, षिक्षा से तो भावी पीढ़ी को संवारने का कार्य हम मिलकर करते है। उन्होंने विद्यालयों में नामांकन के लिए षिक्षकों को व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि इसी से षिक्षक-विद्यार्थी अनुपात सही होगा।
षिक्षा राज्य मंत्री ने षिक्षकों का आह्वान किया कि वे विद्यालयों में नामांकन और गुणवत्ता वृद्धि के लिए चार ‘स’ को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। यह चार ‘स’ है, सम्पर्क, सहयोग, समन्वय और सहभाव। इसी से षिक्षा क्षेत्र में राजस्थान आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 5 महिनों में राज्य में 30 से 35 हजार अध्यापकों की पदोन्नति की गई है। हाल ही में 142 डीईओ की भी पदोन्नति की गई हैं। पहली बार इनके लिए बैंगलोर में अजीम प्रेमजी फाउण्डेषन से प्रषिक्षण की व्यवस्था भी हमने की है। अब जरूरत इस बात की है कि सभी मिलकर सामुहिक प्रयासों से प्रदेष को षिक्षा क्षेत्र में देष का अग्रणी राज्य बनाएं।
इस मौके पर माध्यमिक षिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष श्री बी.एल. चैधरी ने गुणवत्तापूर्ण षिक्षा के लिए षिक्षकों को अपने आपको नवीनतम ज्ञान से जोेड़े रखे जाने पर जोर दिया। इससे पहले पुरस्कृत षिक्षक फोरम के श्री रामेष्वर शर्मा ने नामांकन वृद्धि के लिए विभिन्न स्तरों पर किए गए षिक्षकों के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि षिक्षकों से सबको अपेक्षाएं है और इन पर उन्हें खरा उतरना जरूरी है।
पुरस्कृत षिक्षक फोरम की ओर से संगोष्ठी में षिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी को षिक्षा क्षेत्र में अल्प समय में किए गए बेहतरीन कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया। बाद में षिक्षा मंत्री ने पुरस्कृत षिक्षक फोरम की स्मारिका का भी विमोचन किया। संगोष्ठी में प्रदेषभर से आए षिक्षकों ने भी नामांकन वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार के लिए सुझाव दिए।