ग़रीब नवाज़ अजमेर के 803 वें उर्स के मौके पर सरवाड़ स्थित उनके बड़े साहबज़ादे हजरत ख़्वाजा फखरुद्दीन चिस्ती की दरगाह पर भी जायरीनों की भीड़ उमड़ रही है। प्रशाषन तमाम व्यवस्थाये सुचारू रूप से अंजाम दे रहा है। लेकिन एक कमी प्रशाषन को अब भी नज़र नही आई है जो दिखने में तो छोटी लेकिन असर बड़ा कर सकती है। दुनियाभर के ज़ायरीन यहाँ आकर अपनी हैसियत के अनुसार गरीब-मिस्कीनों के लिए स्थानीय दुकानदारो से ऑर्डर देकर लंगर बनवाते है।

अब सवाल ये है की जो लंगर जायरीन ऑर्डर द्वारा बनवा रहे है उनमे यहाँ के स्थानीय दुकानदार गुणवत्ता का ध्यान रख रहे है या नही ? नही बिलकुल नही रख रहे है। इस लंगर की गुणवत्ता की प्रशासन को जांच करवानी चाहिए ताकि देशभर से आने वाले जायरीनों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो. अभी प्रशासन की एक समझदारी बदे हादसे को घटित होने से रोक सकती है.
Imran Khan Tak