संभाग स्तरीय विकास कार्यक्रम समीक्षा बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ. भटनागर ने की विविध योजनाओं की समीक्षा

अजमेर, 22 अप्रेल। संभागीय आयुक्त डॉ. धर्मेन्द्र भटनागर ने कहा कि विकास योजनाओं का लाभ आमजन तक सुनिश्चित करने हेतु सजगता आवश्यक है, सजगता से विकास कार्यक्रमों के लक्षित उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकेगा।
डॉ. भटनागर आज संभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित संभाग स्तरीय विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में संभाग के विभिन्न जिलों के कलक्टर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संभाग के सभी जिलों में केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत विकास जारी है। जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत जारी कार्यों की प्रगति व समीक्षा नियमित की जानी चाहिए, जिससे क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति ज्ञात हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की महत्वपूर्ण भामाशाह योजना के तहत अधिक से अधिक परिवारों को पंजीकृत किया जाए, जिससे योजना का लाभ आमजन को मिल सकें। इस अवसर पर उन्होंने संभाग में बेमौसम वर्षा ओलावृष्टि से हुए नुकसान एवं प्रभावितों को उपलब्ध कराई गई सहायता की विस्तृत जानकारी ली। साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल की प्रगति की समीक्षा भी की। कलक्टर्स ने इस मौके पर विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए विकास कार्याे जानकारी देते हुए सुझाव भी प्रस्तुत किए।
टोंक कलक्टर डॉ. टीना कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बेमौसम वर्षा व ओलावृष्टि से प्रभावित कृषकों को सहायता राशि दी जा रही है, साथ ही पशुहानि के तहत भी मुआवजा दिया गया हैं। मनरेगा योजना के तहत 230 ग्राम पंचायतों में कार्य करवाएं जा रहे है, मॉडल तालाब हेतु भी स्वीकृति जारी की गई है। राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर कुल 4030 प्रकरण दर्ज है, जिनमें से लगभग 2 हजार प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। साथ ही निस्तारित प्रकरणों का वेरिफिकेशन भी किया गया है। टोंक जिले की ग्राम पंचायतों को 41 एडाप्टर्स को गोद दिया गया है प्रत्येक एडाप्टर के पास 5 या 6 ग्राम पंचायते हैं। उक्त ग्राम पंचायतों की विभिन्न समस्याओं को सूचीबद्घ कर निस्तारित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि टोंक के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत योजना के तहत काफी अच्छा कार्य हुआ है, लेकिन टोंक नगरीय क्षेत्र में गन्दें नालों की सफाई व मरम्मत की आवश्यकता है। जिस पर संभागीय आयुक्त डॉ. धर्मेन्द्र भटनागर ने कहा कि नगरीय क्षेत्र में स्वच्छता व सफाई हेतु विशेष योजना तैयार कर प्रस्तुत करें, जिसके आधार पर बजट स्वीकृति भी मिल जाएगी।
भीलवाडा कलक्टर डॉ. रविकुमार सुरपुर ने बताया कि जिले में स्वच्छ भारत अभियान के तहत महत्वपूर्ण कार्य हुए है। कोर्पोरेट सामाजिक सहभागिता के माध्यम से जिला अस्पताल में विशेष कार्य हुए है। जिला अस्पताल के शौचालय निजी अस्पतालों से भी अच्छी स्थिति में है, वहीं अस्पताल में स्वच्छता व सफाई की माकूल व्यवस्थाएं की गई है। कोठारी नदी पर ईकों टूरिज्म पार्क विकसित करने की कार्य योजना तैयार की गई है जिस पर जल्द ही कार्य किया जाएगा। महानरेगा के तहत प्रत्येक पंचायत समिति की दो ग्राम पंचायतों का चयन कर सोश्यल ऑडिट का कार्य किया जाएगा, जिसके तहत नरेगा कार्यो की ऑडिट की जानी है। सडकों के किनारों पर पौधारोपण के कार्य भी प्रमुखता से जारी है।
नागौर कलक्टर श्री राजन विशाल ने बताया कि मनरेगा कार्यो के तहत पशु चिकित्सालयों में पशुओं हेत शेड निर्माण व खेली निर्माण के कार्य, फार्म पोण्ड आदि कार्य करवाएं जा रहे है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत लाडनूं में काफी अच्छा कार्य हुआ है, इसी के अनुरूप अन्य स्थानों पर भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन एडाप्टर्स को गांवों को गोद दिया गया है उन्हें विलेज प्रोफाइल तैयार करने हेतु भी निर्देश दिए गए है, जिससे ग्राम पंचायतों की वर्षो से लंबित समस्याओं को सूचिबद्घ कर निस्तारित किया जा सकें। अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री हरफूल सिंह यादव ने बताया कि अजमेर जिले में मनरेगा योजना के तहत 355 गांवों में 31 हजार श्रमिक कार्यरत है। मनरेगा के तहत मॉडल तालाब समेत विविध विकास कार्य करवाएं जा रहे है। उन्होंने बताया कि जिले में बेमौसम वर्षा व ओलावृष्टि से हुए फसलों के खराबें का आंकलन कर प्रभावितों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है, साथ ही पशुहानि व जनहानि के मामलों में भी सहायता राशि प्रदान की गई है।
बैठक के अन्त में संभागीय आयुक्त डॉ. धर्मेन्द्र भटनागर ने कहा कि आगामी दिनों पर सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के तहत अजमेर संभाग में दौरे का कार्यक्रम तय होगा। जिसके लिए पूर्व तैयारी के तहत सभी जिलों में ग्राम पंचायतों की विलेज प्रोफाइल तैयार कर जनसमस्याओं को सूचीबद्घ कर उनके निस्तारण हेतु संवेदनशील होकर प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने विभिन्न विकास योजनाओ के तहत किए गए कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इन योजनाओं का लाभ लक्षित वर्ग तक पहुंचाने हेतु सजग रहने की आवश्यकता है।