ये तस्वीरें शायद आपको कुछ याद दिल रही है।
जी हां पिछले कुछ दिनों पहले एक टीवी चैनल व कुछ समाचार पत्रो में ये न्यूज़ बहुत हाईलाइट करके दिकायि गयी थी।
एक ऐसी न्यूज़ जिसने करोडो लोगो की आस्था के केंद्र श्री तीर्थराज पुष्कर की धार्मिक आस्था को कड़ी ठेस पहुचाई थी।
इसका हालांकि श्री तीर्थगुरु पुष्कर के कुछ जागरूक नागरिको द्वारा घोर विरोध किया गया। आमजन में इस खबर को लेकर एक आक्रोश भी दिखाई दिया । परंतु इस बारे में ज्यादा कुछ हो नहीं पाया।
इस घटना ने व्यक्तिगत रूप से मुझे व मेरे साथियो को बहुत आहत किया । वो भी ऐसी खबर जो पहले यहाँ न देखि गयी न सुनी गयी।
हमने कुछ अज्जीज साथियो की मदद से उक्त सारांश नमक ए जी ओ को साक्ष्य पेश करने को कहा जिसमे यह बताया गया कि पुष्कर में 40% होटलो में समलैंगिकता का कारोबार होता है व साथ ही साथ सम्बंधित विभागों से भी उक्त साक्ष्य मांगने का प्रयास किया।
इसमें ज्यादा छानबीन करने पर हमें पता चला कि सारांश नामक एन जी ओ के कार्यक्षेत्र में श्री तीर्थगुरु पुष्कर राज आता ही नहीं है। उन्होंने सिर्फ और सिर्फ झूटी प्रसंसा पाने व अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए
करोडो हिन्दुओ की आस्था के केंद्र को बदनाम करने की घिनोनी चाल चली थी और उक्त खबर को भी टीवी चैनल वालो ने सिर्फ और सिर्फ टीआरपी पाने के लिए बिना साक्ष्य जाने जाचपड़ताल किये धड़ाधड़ अपने चैनल और समाचार पत्रो में प्रकाशित कर दिए।
पुष्कर राज की अस्मिता को बचाने के लिए आगे आये मेरे कुछ साथी पार्षद महेश पाराशर, अरुण पाराशर,अनिल सर, वेद जी पाराशर, चंद्रशेखर गोड, गोविन्द पाराशर,चंद्रशेखर आजाद, नरेंद्र पाठक, श्री कान्त भारद्वाज, नेहरू पाराशर, पवन राजगुरु, जीवन पाराशर, शशिकांत शर्मा, सर्वेश्वर शास्त्री, महेंद्र सिंह व सेकड़ो जागरूक पुष्कर वासियो ने सहयोग किया।
विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहूँगा पार्षद श्री महेश पाराशर, राकेश भट्ट होटल ओनर्स के अध्यक्ष श्री रघु पारीक, चंद्रशेखर आजाद( पाराशर), व श्री कान्त भारद्वाज को जिन्होंने एक महीने तक लगातार संघर्ष करके उक्त एनजीओ को उसकी गलती स्वीकार करवाकर माफ़ी मंगवाकर करोडो हिन्दुओ की आस्था के केंद्र श्री तीर्थगुरु पुष्कर राज का गोरव बचाने में मेरी मदफ की।
हम सभी से आशा करते है कि भविष्य में द्वेषता वष या भूलवश कोई भी श्री तीर्थगुरु की मर्यादा को तार तार करने से पहले एक बार साक्ष्य की जांचपड़ताल जरूर कर ले।
जय पुष्कर राज की।
अमित भट्ट
(amitbhatt.blogspot.in)
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