सरकार और समुदाय मिलकर संवारेंगे नंदघर योजना में आंगनबाड़ी केंद्र

पाली से हुआ ‘नन्द घर योजना’ का आगाज
cap 2cap 1cap 3जयपुर । आंगनबाड़ी केन्द्रों को आधुनिक बनाने व इनके संचालन में सामुदायिक सहयोग को सुनिश्चित करने के लिए समेकित बाल विकास सेवाएं के अन्तर्गत सोमवार को महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने पाली से ‘नन्द घर योजना’ का शुभारम्भ किया। गौरतलब है कि नंद घर योजना का संकल्प माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने सुराज संकल्प यात्रा के दौरान लिया था। पाली जिले से इस योजना के सकंल्प को पूरा करने की पहल हुई है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए श्रीमती भदेल ने इस महत्वाकांक्षी योजना को अभिनव पहल बताते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में सहभागिता एवं समन्वित प्रयास से संसाधनों के विकास के लिए आशानुकूल परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रदेशभर में नन्द घर योजना लागू की जा रही है, जिसका शुभारम्भ भामाशाहों की भूमि पाली से किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिला तथा गर्भावस्था से 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, विद्यालय पूर्व शिक्षा के साथ सम्पूर्ण विकास के लिए संसाधनों के साथ उन्नयन लाना है। जिससे मातृ मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर आदि में कमी लाकर कुपोषण जैसी समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के प्रभावी संचालन तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित मानदेय के लिए ऑनलाइन राजपोषण सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद राज्यभर में 60 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय प्रतिमाह नियमित रूप से प्रदान किया जायेगा। उन्होंने समारोह में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए भामाशाहों को जोड़कर प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
बैठक में विधायक सुमेरपुर श्री मदन राठौड़ ने इस योजना में जागरूकता लाकर जिले के अधिकाधिक भामाशाहों को शामिल करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्र के सशक्तिकरण के लिए प्रयास करने की बात कहीं। विधायक पाली श्री ज्ञानचन्द पारख ने पाली को भामाशाहों की धरती बताते हुए कहा कि नन्द घर योजना के तहत जिले में सभी के समन्वित प्रयास से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। सोजत विधायक श्रीमती संजना आगरी ने इस योजना की प्रगति के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सहयोग कर इसके क्रियान्वयन में हर सम्भव सहयोग प्रदान करने की बात कहीं। समाज सेवी एवं शनिधाम ट्रस्ट के प्रणेता दाती महाराज श्री मदन राजस्थानी ने इस योजना के तहत सोजत ब्लॉक के 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेते हुए कहा कि वो व्यक्ति भाग्यशाली है जिससे सेवा करने का अवसर मिला है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव महिला बाल विकास राकेश श्रीवास्तव व निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं डॉ पृथ्वीराज ने नन्द घर योजना के मुख्य बिन्दुओं तथा योजना की जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही इस योजना को पूरे राज्य में लागू कर इस योजना के तहत इस वर्ष प्रदेशभर के करीब 10 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों को समाजिक पहल के द्वारा विकसित किया जायेगा।
जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने कहा कि नन्द घर योजना के द्वारा जिले में समाज, प्रशासन व सरकार के समन्वित प्रयास से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे तथा जिले में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित किया जायेगा।
समारोह में अतिथियों द्वारा नन्द घर योजना की पुस्तिका का विमोचन किया गया तथा जिले की 260 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने वाले भामाशाहों, स्वयंसेवी संस्थाओं, कॉरपोरेट प्रतिनिधियों का माल्यार्पण द्वारा सम्मान कर राज्य सरकार की ओर से उप निदेशक महिला एवं बाल विकास शांता मेघवाल ने इनके साथ एमओयू हस्ताक्षर किये।
क्या है नन्द घर योजना
नन्द घर योजना के तहत शाला पूर्व शिक्षा से संबंधित गतिविधियां जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों में शाला पूर्व शिक्षा किट, खेलने के खिलौने, गुडिया घर, स्लाईडर, फिसलपट्टी, घोडा, बच्चों के टीशर्ट व हॉफ पेन्ट, व्हाइट बोर्ड, नोट बुक, कॉपी, पेन्सिल आदि उपलब्ध करवाये जायेगें। इसके साथ ही योजना के तहत आंगनबाड़ी भवन को रखरखाव, मरम्मत, सफेदी, नये भवन के निर्माण, किचन से संबंधित सुविधाएं, टॉयलेट व बाउण्ड्री निर्माण, खेल के मैदान आदि की सुविधा भी मिलेगी।
योजना के तहत केन्द्रों में पोषाहार की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए संस्था अथवा दानदाता द्वारा फल, हरी सब्जियां, तेल, घी, प्रोटीन युक्त अन्य खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करवाई जायेगी। इसके अतिरिक्त योजना के तहत केन्द्रों के विकास के लिए अतिरिक्त कार्यो के रूप में विद्युत कनेक्शन, वेईंग स्केल, दरी-पट्टी, वॉटर प्यूरीफायर, बर्तन, खाद्य सामग्री के भण्डारण के लिए अलमारी आदि भी मुहैया करवाई जायेगी।
नन्द घर योजना के अन्तर्गत दानदाता, स्वयं सेवी संस्था, कॉरपोरेट द्वारा प्रस्तावित चार मॉडल्स पर कार्य किये जायेगे जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भूमि उपलब्घ करवाना अथवा भूमि उपलब्ध करवाने के साथ भवन निर्माण एवं बाउण्ड्री करवाने अथवा विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर भवन व बाउण्ड्री निर्माण करवाने के साथ आगामी पांच वर्षो तक आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेते हुए प्रतिवर्ष दस हजार रूपये का सहयोग प्रदान करना इसके अतिरिक्त चौथे मॉडल में आंगनबाड़ी केन्द्र का रखरखाव व आदर्श आंगनबाडी केन्द्र के रूप में विकसित करना है। जिसके लिए राज्य सरकार व आंगनबाड़ी केन्द्र को गोद लेने वाले भामाशाह अथवा स्वयं सेवी संस्था या कॉरपोरेट के मध्य एमओयू साईन किया जायेगा। योजना के तहत भामाशाह, स्वयं सेवी संस्थाएं अथवा कॉरपोरेट के चयन के लिए उपखण्ड एवं जिलास्तर पर समिति का गठन किया जायेगा। यदि दानदाता केंद्र के लिए भवन और भूमि देते हैं तो वहां दानदाता का नाम षिलापट्ट लगाया जाएगा।
उप निदेशक आईसीडीएस पाली शांता मेघवाल ने बताया कि जिले में इस योजना के तहत समुदायिक सहभागिता के तहत जिले के 260 केन्द्रों को भामाशाह, स्वयं सेवी संस्थाएं अथवा कॉरपोरेट ने गोद लिया है। जिसमें पाली ग्रामीण व रोहट के 52 केन्द्रों को हेण्ड एण्ड हेण्ड पाली, जैतारण के 50 केन्द्रों को सिद्धी विनायक सीमेंट निम्बोल, 26 केन्द्रों को श्री सीमेंट रास व 15 केन्द्रों को अम्बुजा सीमेंट राबडियावास, सोजत के 100 केन्द्रों को शनिधाम ट्रस्ट आलावास, बाली के एक केन्द्र को आईओसी बाली व एक केन्द्र को अरविन्द कुमार निवासी शिवतलाब जबकि रोहट निवासी सत्तार खान, लुणदास, गोपाराम, दिनूखान व ओमाराम ने रोहट के एक-एक तथा कन्हैयालाल परिहार ने पांच आंगनबाडी केन्द्र को गोद लिया है।
योजना के तहत दानदाता, स्वयं सेवी संस्था, कॉरपोरेट को एक आंगनबाडी केन्द्र के लिए प्रथम वर्ष में लगभग तीस हजार रूपये की राशि एवं अगले चार वर्षो में दस हजार रूपये प्रतिवर्ष की राशि व्यय करनी होगी।

राज्यमंत्री ने विभागीय योजनाओं की ली समीक्षा बैठक
जयपुर, 11 मई। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने सोमवार को पाली में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
श्रीमती भेदल ने जिले में भवनविहीन व किराये के भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों को भवन उपलब्ध करवाने के लिए जिले में एकीकरण के उपरांत खाली पडे विद्यालय भवनों में तथा अन्य रिक्त पडे सरकारी भवनों में स्थानान्तरित कर संचालित करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्राी ने आईसीडीएस मिशन बोर्ड तथा नाबार्ड योजना के तहत जिले में स्वीकृत 70 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा पाली शहर के शहीद भगतसिंह आवासीय कॉलोनी तथा लेबर कॉलोनी में स्वीकृत दो शिशु पालना गृह के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लेते हुए जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये।
उन्होंने सामूहिक विवाहों के लिए अनुदान योजना के तहत जारी अनुदान की जानकारी लेते हुए योजना की प्रक्रिया में गति लाकर अधिकाधिक लोगों को प्रोत्साहित कर 15 दिवस के भीतर अनुदान राशि प्रदान कर योजना का लाभ देने के निर्देश दिये। उन्होंने सरकारी एवं निजी संस्थानों में महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए जिले में आन्तरिक शिकायत समितियों के गठन की जानकारी लेते हुए निर्देश दिये कि एक माह के भीतर शेष रहे सभी संस्थानों में इन समितियों का गठन सुनिश्चित किया जाये तथा जो संस्थान इन निर्देशों की अनुपालना नहीं करे उन पर जुर्माने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में नियमित रूप से पोषाहार वितरण को सुनिश्चित करने तथा विभागीय योजनाओं के प्रचार प्रसार के निर्देश दिये।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव महिला बाल विकास राकेश श्रीवास्तव, निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं डॉ पृथ्वीराज, जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम, मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशुतोष गुप्ता, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास शांता मेघवाल, कार्यक्रम अधिकारी भागीरथ चौधरी सहित जिले के सभी सीडीपीओ उपस्थित रहे।

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