सनातन धर्म मन्दिर परिसर में 29 मई से 2 जून तक दुर्गा सप्तशती सहस्त्र चण्डी यज्ञ

durgaआदर्श सनातन धर्म सभा एवं विकास समिति, आदर्श नगर, अजमेर द्वारा 75 वर्ष से संचालित सनातन धर्म मन्दिर में 53 देवी-देवताओं के विग्रह स्वरुप दर्शन एवं सभी मन्दिरांे के गर्भगृह में कंाच के कार्य के उपरांत यह धार्मिक स्थान ना केवल आदर्श नगर बल्कि अजमेर वासियों के लिये एक धार्मिक आस्था एवं आकर्षण का विषेष केन्द्र बना हुआ है।
भक्तजनों के आग्रह को देखते हुये समिति द्वारा लोक कल्याणार्थ मन्दिर परिसर में दिनांक 29 मई 2015 से 2 जून 2015 तक 5 दिवसीय ‘‘दुर्गा सप्तशती सहस्त्र चण्डी यज्ञ’’ का आयोजन किया जा रहा है। उस यज्ञ में श्री बैणेष्वर धाम त्रिवेणी संगम डूंगरपुर ;त्रिपुरा सुन्दरी शक्ति पीठद्ध के लगभग 80 विद्वान पंडितों द्वारा दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों के 1000 पाठ करेंगे व 61 हवन वेदियों पर लगभग 200 यजमानों द्वारा हवन किया जायेगा।
उक्त आयोजन हेतु बांस व सरकण्डों से लगभग 35 फुट ऊँची तीन विशाल यज्ञ शालाओं का निर्माण कार्य पूर्णता पर है एवं इसकी भव्यता देखते ही बनती हैं।
इस कार्यक्रम में निम्बाकाचार्य पीठेश्वर श्री श्रीजी महाराज के दर्शन एवं आर्शीवचन का लाभ भी भक्तजन ले सकेंगें।
इस तरह के कार्यक्रम की विशेषता, भव्यता, अपूर्वता को देखते हुये भक्तजनों में सेवा व सहयोग का उत्साह देखते ही बनता है।

आदर्श नगर निवासियों की धार्मिक एवं आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु आदर्श नगर गृृह निर्माण सहकारी समिति ने अन्य धार्मिक संस्थाओं के साथ-साथ इस संस्था को भी मंदिर हेतु 01 बीघा भूमि सन् 1937 में निशुल्क आवंटित की। इस भूमि पर संस्था के कर्णधार एवं कर्मठ कार्यकर्ता श्रद्धेय स्व. श्री मुरलीधर जी के प्रयासों से 1942 में सर्वप्रथम शिवालय का निर्माण करवाया गया। 1968 से 1985 तक इस सभा के अध्यक्ष पद पर स्वर्गीय श्री शिब्बन लाल जी मथुरिया पदस्थापित रहे, इनके कार्यकाल में श्री राम दरबार, श्री राधा.कृृष्ण, श्री हनुमान जी, संतोषी माता, शीतला माता व भैरव जी मंदिरों का निर्माण हुआ। इन्हीं के कार्यकाल में 03 रिहायशी भवन, 02 अतिथि गृृह एवं सत्संग भवन निर्माण का कार्य हुआ।
सन् 1985 से 1992 तक स्व. डॉ. शैलेष रंजन जी इस सभा के अध्यक्ष पद पर रहे, इनके कार्यकाल में शेष चल रहे निर्माण कार्य पूर्ण हुए एवं गणेंश मंदिर निर्माण का करवाया गया।
13 फरवरी 1992 को श्री ठाकुर प्रहलाद सिंह जी ‘पीह‘ को इस सभा का अध्यक्ष चुना गया जो कि वर्तमान में आज तक इस पद पर कार्यरत हैं। आपने मिश्रित धातुओं के कलश एवं मंदिर के सम्मुख दाता द्वार का निर्माण करवाया। आपके ही अथक प्रयत्नों से मंदिर परिसर में श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण हुआ व मंदिर प्रांगण में नवदुर्गा, वैष्णो देवी मंदिर एवं इसी शक्ति स्थल में एक भव्य ज्योतिर्लिंग शिव-पार्वती स्वरूप सहित की स्थापना एवं नवग्रह मंदिर का निर्माण भक्तों की मदद से करवाया गया।
आपके ही अथक प्रयासों से मंदिर में 01 विशाल सत्संग भवन का निर्माण एवं शीतला माता मंदिर व भैरव जी के मंदिर का जीर्णोद्धार मंदिर के फर्श में मार्बल व टाईल्स का कार्य व मंदिर के गर्भ गृह में कांच का कार्य भक्तों की मदद से करवाया गया, जिसके कारण मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है।
इस प्रकार वर्तमान में इस मंदिर में 53 देवी-देवताओं के विग्रह स्वरूप नियमित दर्शन किये जा सकते हैं। मंदिर समिति द्वारा पूरे वर्ष भर नियमित रूप से विभिन्न धार्मिक आयोजन जैसेः- दोनों नवरात्रों में नव-परायण रामायण पाठ, हवन, रामनवमी, जनमाष्टमी, होलिका दहन, दीपावली, अन्नकूट, गणेंश चतुर्थी आदि धूम-धाम से आयोजित किये जाते हैं एवं महिलाओं के द्वारा प्रत्येक एकादशी को भजन-संकीर्तन किया जाता है।
इस प्रकार यह मंदिर अपनी विशालता, अपूर्वता व भव्यता के कारण ना केवल आदर्शनगर बल्कि अजमेर निवासियों के लिये एक धार्मिक आस्था एवं आकर्षक का केन्द्र बना हुआ है।

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