पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हज़ारों लोगों ने योग किया.
राजपथ पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भी हज़ारों लोग मौजूद थे. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योग गुरु रामदेव और योग मंत्री श्रीपद यशो नाइक के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे.
ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में योग किया. उन्होंने कहा, “योग किस भूभाग में पैदा हुआ, किस भूभाग तक फैला, मेरे लिए उसका ज़्यादा महत्व नहीं है. यह ऐसी विद्या है जिसमें विश्व के सभी लोगों ने अपना-अपना योगदान दिया.”
वर्ल्ड रिकॉर्ड
प्रशासन का दावा है कि कार्यक्रम में एक साथ 35,000 नौकरशाह, कर्मचारी, सैनिक, छात्र मौजूद रहे. मकसद था एक जगह पर योग करने का नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना.
कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भी मौजूद थे. दिल्ली में योग कार्यक्रम के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. पुलिस और अर्धसैनिक बलों के हज़ारों जवानों को तैनात किया गया था.
“सद्भाव और शांति” प्रेरित करने के लिए किए जा रहे इस कार्यक्रम का कुछ मुस्लिम संगठनों ने ये कहकर विरोध किया था कि योग एक हिंदू धार्मिक क्रिया है और इस्लाम के ख़िलाफ़ है. कई लोगों का ये भी कहना है कि नरेंद्र मोदी की सरकार अपना ‘हिंदुत्व एजेंडा’ अल्पसंख्यकों पर थोपना चाहती है. हालांकि सरकार का कहना है कि कार्यक्रम में शामिल होना अनिवार्य नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल संयुक्त राष्ट्र के मंच से योग का महत्व बताया था.
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की थी कि 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाएगा.