अजमेर / पुरूषोत्तम माह के अवसर पर हाथी भाटा लक्ष्मीनारायण मन्दिर में वृदांवन के संत, भागवत, भ्रमर आचार्य मयंक मनीष जी की समधुर वाणी में चली रही श्री मद भागवत् कथा के चैथे दिन चार मनुओं का वर्णन गज एवं ग्राह युद्ध, गेजेन्द्र मोक्ष, देवासुर सग्रांम, वामन भगवान की कथा श्री राम जन्म आदि प्रसंग का वर्णन किया। आज कक्षा में गजेन्द्र मोक्ष की कला में आचार्य जी ने कहा कि गजेन्द्र मोक्ष के पाठ से स्वर्ग तथा यशदायक कलयुग में समस्त पापों का नाश हो जाता है यह ग्रन्थ दुःस्वप्न नाशक और श्रेय साधक है, इस गजेन्द्र कृत स्तवन का आर्तभाव से पाठ करने पर लौकिक परमार्थिक महान सकंटो ओर विघ्नों से छुटकारा मिल जाता है। आज कथा में भगवान राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया एवं मनोहर झांकी सजाई गई। कथा में आचार्य ने राम अवतार पर बोलते हुए कहा कि भगवान का अवतार सत्त का सुख भोगने के लिए नहीं हुआ पृथ्वी को भार मुक्त करने के लिये हुआ था। इसी हेतू की पूर्ति हेतू ही भगवान राम ने राज्यभिषेक का त्याग कर वन में विचरण किया समृद्ध सेतू बंधवाया, रावण को नष्ट किया, विश्वामित्र के यज्ञ भारीय आदि राक्षसों का संहार किया, इक्कीस बार पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन करने वाले परशुराम का गर्व खण्डन किया तथा खर-दूषणादि चैदह हजार राक्षसों का संहार किया।
कल कथा में श्री कृष्ण जन्म की कथा एवं नन्द महोत्सव का आयोजन होगा आज कक्षा में मुख्य यजमान वासूदेव मित्तल ने भागवत जी का पूजन एवं आरती की।
उमेश गर्ग
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