आवाजे खलक आवाजे खुदा याने जनता की आवाज खुदा की आवाज है,और अजमेर की जनता अब शहर में पुलिस की मौजूदगी से इतनी खुश है कि उसको लगने लगा है कि जगंल राज नहीं है कानून का राज है, शहर में हर मोड पर पुलिस नजर आने लगी है, औऱ पुलिस वाले तमीजयाफ्ता हो गये है बावर्दी नजर आने लगे है ,थानो में दिवाली जैसी सफाई हो रही है,शहर में पुलिस की गाडियां दिखने लगी है नीली बत्तीयां जलने लगी है , शराब की दुकाने टाइम से खुलने बंद होने लगी है ,दुकानो पर शराब पीना पिलाना बंद हो गया है जिन थानेदारो के दीदार को शहर का आवाम तरस गया था वो हल्को में मारे मारे फिर रहे है, जिनको अपराधियों को कल तक पट्टे दे रहे थे नाजायज कामों के, आज उन्हे भगवान का वास्ता दे कर खदेड रहे है , शहर के राजनीतिक चिंतक औऱ विचारक हैरान परेशान है कि इस इलायची देवी की गद्दी वाले शहर को अचानक क्या हो गया है समझ में नही आ रहा कि यकायक ये क्या हो गया,ये हर्दय परीवर्तन कैसे हो गया, कहीं शहंशाह फिल्म की शूटिगं तो नही चल रही है ये वो ही पुलिस है या कहीं स्कोट लैडं यार्ड तो नहीं आ गई।देश के अच्छे दिन आये या नहीं आये पर ये तय है कि अजमेर के तो आ गये,क्योकी पुलिस कप्तान स्पाईडर मैन आ गया है,अब अजमेर का विकास निश्चीत है,
राजेश टंडन अजमेर।