मुसलमान अपने धर्म के प्रति कट्टर होते है इनके अपना धर्म पहले है यह अपना अमुल्य समय निकाल कर धर्म को देते है हम इनसे सीख क्यो नही लेते हे आपको कोन रोकता है आप भी अपने धर्म के प्रति कट्टर बनो जिस तरह यह एकजुट होकर प्रति दिन अपना समय निकाल कर नमाज पढने आते है प्रति दिन नही तो शुक्रवार की नमाज तो अनिवार्य पढनी है चाहे कितना ही अर्जंट काम हो पुष्कर राज की आरती होती है उस समय ब्रह्म धाट पर 5-10आदमी यज्ञधाट पर 2आदमी ग ऊ धाट पर10-15 आदमी बद्रीधाट पर 5-7 आदमी बराह धाट पर 2-5 आदमी प्रति दिवस उपस्थिति रहती है वो लोग होते हे जिनकी वजह से उस स्थान की आरती सम्पादित होती है अगर उनकी अनुपस्थिती रहै तो आरती का सम्पादित होना भी नामुमकिन है उनकी तो मजबुरी है उपस्थित होकर आरती को सम्पादित कराना बेचारो ने बेडा जो उठाया आप लोग कभी गये आरती मे कोन रोक रहा है आपको आप भी अपने धर्म के प्रति कट्टर बनो |
जय पुष्कर राज की
गर्व से कहो मे हिंदू हूं
अरुण बाबू पाराशर