अजमेर sp विकास कुमार ने शराब के ठेकों और शराबियों पर नियमों का डंडा क्या चलाया कि आबकारी विभाग की जड़ें हिल गईं। उसकी ऊपरी कमाई कम हुई तो कम राजस्व की दुहाई देने लगा। कैसी विडम्बना है कि शहर में शान्ति से ज्यादा सरकार को कमाई (राजस्व) प्यारा है। देखना जल्दी ही शराब माफिया और सरकार नये sp को चौकड़ी भुला देंगे। शर्मनाक यह भी है कि एक भी जनप्रतिनिधि ने sp की पीठ नहीं थपथपाई। सीन में आबकारी विभाग विलेन बना हुआ है लेकिन वह कमाऊ पूत है इसलिए पुलिस को हडका रहा है। शहर में रात 8 बजे बाद भी शराब बिक रही थी….ठेकों पर सडक पर खुलेआम शराबखोरी हो रही थी….ठेकों पर शराब तय कीमत से ज्यादा कीमत पर बेची जा रही थी तब कहाँ था आबकारी विभाग? जाहिर है विभाग की मिलीभगत से ही अज्मेरियन शराबियों से तंग थे।
