तीर्थनगरी पुष्कर में आश्रमो के नाम पर सस्ती दरो पर जमीन हासिल करने वाले आज यह लोग इतने लालची हो गए की इन आश्रमो में असहाय गरीब लोग और साधू संतो के लिए प्रवेश बंद कर इनको व्यवसाय के रूप में उपयोग कर रहे हे पुष्कर में अगर देखा जाये तो आपको आश्रम खूब मिल जायेंगे लेकिन यह सब दिखावटी और कागजो में हकीकत में देखा जाये तो यह आश्रम मैरिज गार्डन होटलो में तब्दील हो रखे हे तो कई आश्रमो में किरायेदार रख रखे हे आज तीर्थनगरी में स्थिति इतनी विकट हो रखी हे की गरीब यात्री और साधू संतो को सर छिपाने के लिए जगह भी नसीब नही हे। कभी यह आश्रम साधू संतो से आबाद रहते थे तथा दिनभर भजन कीर्तन होते थे आज उन्ही आश्रमो में रंगबिरंगी रोशनियों में डी जे के साउंड में लोग डांस करते नजर आ रहे हे । शाहपुरा के पीठाधीश्वर महाराज ने भी अपने पुष्कर में स्थित आश्रम रामद्वारा को रामस्नेही मैरिज गार्डन में तब्दील कर दिया जब इतने बड़े संत महात्मा भी पेसो के लालच में अपने आश्रमो को व्यवसाय रूप दे सकते हे तो फिर ओरो के बारे में क्या कह सकते हे ।अबआप खुद सोचिये।
अनिल पाराशर संपादक बदलता पुष्कर ।
