सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा-डॉ.भगवती प्रसाद

भारतीय सिन्धु सभा की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधी सभा की दो दिवसीय बैठक सिन्धु महल, जवाहर नगर में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन व भारत माता, सिन्ध के मानचित्र के साथ इष्टदेव झूलेलाल पर माल्यार्पण के साथ ्र्र्र्र्र्र्र्रप्राारम्भ हुई।
उद्धाटन राष्ट््रीय स्वयंसेवक संध के क्षेत्रीय संघचालक डा. भगवती प्रसाद के कर कमलों द्वारा किया गया, जिसमें क्षेत्रीय बौद्धिक प्र्रमुख श्री कैलाश शर्मा जी के साथ भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट््रीय अध्यक्ष श्री लक्ष्मण चन्दीरामाणी, कार्यकारी अध्यक्ष श्री लधाराम नागवाणी, महामन्त्री श्री धनश्याम कुकरेजाा, राष्ट््रीय उपाध्यक्ष श्री नवलराय बच्चाणी, राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष लेखराज माधू, महिला अध्यक्ष श्रीमति वीना भाटिया थे ा
डा.भगवती प्रसाद जी ने कहा कि सिन्धु सभ्यता 1,90,000 वर्ष पुरानी है, यह पुरातत्व विभाग कहता है। इतनी पुरानी सभ्यता को अपनी जमीन नहीं है, उन्होंने यहूदी व पारसीयों का उदाहरण देते हुए बताया कि जब यहूदी अपना इजराइल वापस ले सकते हैं तो एक दिन अखण्ड भारत भी बनेगा, इसके लिये तैयार रहना चाहिये। युवा पीढी में सिन्ध की स्मृतियां सदैव संजायें रखनी है।
आज फिर से आवश्यकता है कि हम युवाओं व महिलाओं में संस्कार देने के शिविरों का आयोजन करें जो राजस्थान में बाखूबी हो रहा है।
राष्ट््रीय अध्यक्ष ने पूरे समाज को साथ लेकर चलने की सलाह दी, तथा सेवा के कार्यों को और अधिक गति देने की प्रेरणा भी दी। मंच का संचालन राष्ट््रीय महामन्त्री श्री राधाकिशन भाग्यिा ने किया।
सत्र में सभी प्रान्तों के अध्यक्षों ने अपने अपने प्रान्त से आये हुए प्रतिनिधियों का परिचय कराते हुए प्रान्त के द्वारा किये हुए कार्यों का प्रतिवेदन पेश किया। प्रदेश संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने बताया कि सभा की ओर से राज्य भर में 66 बाल संस्कार शिविरों का आयोजन 32 शहरों में किया गया जिसमें 5000 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया । प्रदेश द्वारा किताब, प्रमाण पत्र व बैनर छपवाकर उपलब्ध करवाये गये और धार्मिक सामाजिक संस्थाओं के साथ पंचायतों को पूरा सहयोग लिया और प्रदेश में अच्छी सफलता मिली है। राज्य में आगामी 4 अक्टूबर को पाली में पंचायत सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिससे समाज की सामाजिक समस्याओं को हल करने में सहयोग मिल सके ।
युवा सत्र का संचालन राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अगनाणी ने करते हुये संगठन की जानकारी प्रस्तुत की। मध्यप्रदेश से श्री शंकर सबनाणी, श्री शिवा कोटवाणी, राजस्थान से प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी सहित विभिन्न वक्ताओं ने युवा पीढी को जोडकर होने वाले आयोजनों पर चर्चा करते हुये भाषा के साथ जोडने के प्रयास की जानकारी भी दी। महिला प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार प्रकट करते हुये आने वाले समय पर राष्ट्रीय आयोजन के भी विचार प्रकट किये। प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश कटारिया, श्री गोविन्द रामनाणी, डॉ. वासुदेव केसवाणी, तेजभान शर्मा, श्री जयपाल साधवाणी, मोहन साधवाणी, हरीश चावला, मनोहरलाल सपरा मुकेश चावला, दीदी मोहिनी साधवाणी, प्रहलाद बालचंदाणी ने सभी का स्वागत करते हुये व्यवस्था में सहयोग दिया ।
कार्यक्रम स्थल पर उदयपुर ईकाई द्वारा सिन्ध के दर्शनीय स्थलों, महापुरूषों के चित्रों सहित सिन्धु सभ्यता संस्कृति की विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसे सभी ने सराहा, सांस्कृतिक कार्यक्रम में नागपुर के कार्यकर्ताओं द्वारा निर्मित ज्योति मां ज्योति बृरे – सिन्धी भाषा की बनाई गई फिल्म का प्रदर्शन किया गया एवं दिल्ली से आये श्री देवीलाल लालवाणी सहित कार्यकर्ताओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया एवं ईष्टदेव झूलेलाल चालीहो पर भी भजन प्रस्तुत किये।

समापन सत्र
सनातन धर्म ही हमारी पहचान है- सभा के कार्यकर्ता युवाओं में संस्कार देने का कार्य करते हैं-
श्रीमहन्त हंसराम उदासीन

कार्यकर्ता को जीवन में लक्ष्य बनाकर उद्धेश्यों की पूर्ति के लिए करें समर्पण -कैलाश जी
अजमेर- 3 अगस्त -कार्यकर्ता को जीवन में लक्ष्य तय कर संस्कारवान कार्यकर्ता बनकर सेवा करनी है हमें इंसानियत के साथ अच्छे इंसान बनकर परिवार, समाज व देश की सेवा करनी है। अपने संगठन को तहसील स्तर तक प्रत्येक परिवार को जोडना है। उक्त विचार भारतीय सिन्धु सभा की ओर से उदयपुर में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधी सभा की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र में मुख्य वक्ता क्षेत्रीय प्रचारक एवं मार्गदर्शक कैलाश जी ने प्रकट किये। उन्होने सभा द्वारा चरित्रवान कार्यकर्ता निर्माण करने के लिए उद्धेश्यों को साथ लेकर चलने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर अखिल भारतीय सिन्धी सन्त समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहन्त हंसराम उदासीन ने आर्शीवाद देते हुये कहा कि सनातन धर्म के संस्कार युवा पीढी को देकर श्रेष्ठ संसार का वातावरण बनायें। हम संकल्प लेकर अपने परिवार में भाषा, भोजन व भूषण से पहचान बनाये। उन्होने शीघ्र ही भारत सरकार से मिलकर भव्य सिन्धु तीर्थ स्थान सहित शिक्षा व संस्कृति के लिये प्रमुख मुद्धो पर चर्चा करने के साथ सहयोग के प्रयास किये जायेगें।
राष्ट्रीय महामंत्री घनश्यामदास कुकरेजा ने बताया कि सिन्ध से आये हिन्दु परिवारों की नागरिकता के लिए भारत सरकार द्वारा लगातार बैठकें आयोजित कर नियमों में सरलीकरण के प्रयास किये जा रहे हैं।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने सिन्धु बाल संस्कार शिविरों पर चर्चा करते हुये सिन्धी भाषा में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के पुस्तकों का प्रकाशन की जानकारी दी। सिन्धु दर्शन यात्रा समिति के अध्यक्ष श्री मुरलीधर माखीजा ने लेह लद्धाख में सिन्धु भवन निर्माण की भी जानकारी देते हुये यात्रा में सभी को जोडने का आव्हान किया। राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकृत सहयोग राशि का आभार प्रकट करते हुये आयकर दाताओं को मुक्त रखने की भी मांग रखी। सभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री लधाराम नागवाणी ने देश भर में प्रत्येक तहसील तक चल रहे सिन्धु सभा के कार्यों हेतु सभी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। उन्होनें केन्द्रीय पदाधिकारियों द्वारा प्रदेशों में प्रवास कर कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर कार्य का विस्तार किया जायेगा।भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट््रीय अध्यक्ष श्री लक्ष्मण चन्दीरामाणी, राजस्थान प्रदेश के संगठन महामंत्री मोहन वाधवाणी, महिला अध्यक्ष श्रीमति वीना भाटिया ने भी अपने विचार प्रकट किये।संगठन महामंत्री वासुदेव वासवाणी ने संगठनात्मक विचार प्रकट करते हुये सदा इतिहास को याद कर संगठन को सेवा कार्यों से बढाने का आव्हान किया। मंच का सफल संचालन राष्ट््रीय महामन्त्री श्री राधाकिशन भाग्यिा ने किया। स्वागत भाषण पूज्य सिन्धी पंचायत, जवाहर नगर के अध्यक्ष जयपाल साधवाणी ने व आभार प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया। अन्त में पल्लव प्रार्थना की गई।
प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश कटारिया, मोहन साधवाणी, नानकराम कस्तूरी हरीश चावला, मनोहरलाल सपरा मुकेश चावला, दीदी मोहिनी साधवाणी, प्रहलाद बालचंदाणी, पवन आहूजा, गिरीश ईसराणी, महेश भम्भाणी, कमलेश चैनाणी, विजय आहूजा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद के निर्देशक डॉ. रवि टेकचंदाणी व वरिष्ठ आई.पी.एस. श्री राजाराम ने सिन्धी भाषा लेकर अध्ययन करने की प्रेरणा देते हुये प्रशासनिक पदों पर प्रतियोगिता के माध्यम से कोर्स की पूर्ण जानकारी दी।
कार्यक्रम स्थल पर उदयपुर ईकाई द्वारा सिन्ध के दर्शनीय स्थलों, महापुरूषों के चित्रों सहित सिन्धु सभ्यता संस्कृति की विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसे सभी ने सराहा। प्रताप गौरव केन्द्र के साथ उदयपुर के तीर्थ स्थानों का भ्रमण करवाकर गौरव का अनुभव कराया।
(महेन्द्र कुमार तीर्थाणी)
9460090200

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