चुनाव की राजनीति भी अजीब है। कभी घर तुड़वा देती है तो कभी हाथों-हाथ शादी। ऐसा ही एक दिलचस्प मामला अजमेर नगर निगम के चुनाव में वार्ड संख्या 9 में कांग्रेस की उम्मीदवार रोशन बीबी से जुड़ा है। रोशन बीबी के पिता का इंतकाल हो चुका है और उसकी माताजी मेहनत कर चार-पांच भाई-बहनों का परिवार चलाती हैं। लड़कियों की पढ़ाई में माताजी कोई कसर नहीं छोड़ रही है, इसलिए रोशन बीबी ने एम.ए. तक की पढ़ाई की है। रोशन के निकाह की बात पिछले कई दिनों से चल रही थी, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो पा रहा था। जैसे ही नगर निगम के चुनाव की राजनीति शुरू हुई तो रातों-रात न केवल रोशन बीबी की सगाई हो गई, बल्कि 10 अगस्त को धूमधाम से निकाह भी हो रहा है। निकाह क्या है वार्ड के मतदाताओं से मिलना-जुलना है। यानि निकाह और प्रचार एक साथ। हुआ कि कांग्रेस के नेता वाहिद खान वार्ड नौ से अपनी उम्मीदवारी जता रहे थे, लेकिन यह वार्ड महिला के लिए आरक्षित हो गया। वाहिद ने पैतरा बदलते हुए अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग लिया, लेकिन इससे पहले सरकार ने पार्षद पद के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता लागू कर दी, फलस्वरूप वाहिद की पत्नी भी पात्र नहीं रही, लेकिन वाहिद ने भी ठान ली कि इस बार पार्षद का चुनाव परिवार का कोई सदस्य ही लड़ेगा चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। वाहिद ने अपने कुंवारे भाई शाहिद खान के निकाह की घोषणा कर दी। वाहिद ने इसके लिए रोशन बीबी को उपयुक्त पाया। इधर कांग्रेस में उम्मीदवार के लिए आवेदन करवाया तो उधर रोशन की सगाई अपने भाई से कर दी। राजनीति के खिलाड़ी वाहिद चुनावी राजनीति में कोई जोखिम नहीं लेना चाहते है, इसलिए भाई का निकाह भी रोशन बीबी के साथ परिणाम आने से पहले ही 10 अगस्त को कर रहे हैं। अजमेर में 17 अगस्त को निगम चुनाव के लिए मतदान होना है और 20 अगस्त को परिणाम आएगा। वाहिद को उम्मीद है कि उनके परिवार की सदस्य ही पार्षद बनेगी। यानि चुनाव परिणाम से पहले ही रोशन बीबी वाहिद के परिवार की सदस्य बन जाएगी। रोशन बीबी को तो एक साथ दो खुशियां मिल रही हैं। रोशन भी एक साथ ढेर सारी खुशियों के लिए अपनी शिक्षा को श्रेय देती हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511
