सुप्रीम कोर्ट में अपील ही एक मात्र रास्ता

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
संथारा और आत्महत्या कल 10/8/2015 के हाईकोर्ट के फैसले ने जैन समाज को अंदर से बाहर तक और ऊपर से निचे तक हिला के रख दिया हे । उन्होंने ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की न्यायालय द्वारा हमारे जैन धर्म के सबसे बड़े महोत्सव संथारा पर इस तरह का प्रतिबन्ध लगा दिया जाएगा और इसे जघन्य अपराध आत्महत्या के रूप में देखा जायेगा । और तो और संथारा लेने और दिलाने और उकसाने वालो पे अपराध की धारा 306 और 309 में मुकदमा भी दर्ज हो सकता हे और इसमें पुलिस को जांच करने का अधिकार भी होता हे ।
माननीय न्यायालय द्वारा निर्णय दियेे जाने के बाद से ही जैन समाज द्वारा और बुद्धिजीवियो द्वारा सोशियल मीडिया पे तीखी आलोचना और तर्क वितर्क ने गंभीर रूप ले लिया हे और पत्र पत्रिकाओ के माध्यम से अपना अपना नजरिया दे रहे हे और अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे हे ।
अब जैन समाज के प्रमुख द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस फेशले के विरोध में अपील करने के एक मात्र रास्ता ही शेष बचा हे । अब केवल सुप्रीम कोर्ट से ही इन्हें राहत मिल सकती हे । अगर सुप्रीम कोर्ट इस फेशले को यथावत रखता हे तो जैन धर्म का पालन करने वालो को न्यायालाय का सम्मान करने के अलावा और कोई भी विकल्प नहीं बचेगा ।
हेमेन्द्र सोनी bdn ब्यावर

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