अनिल पाराशरहिन्दुओ का सबसे बड़े तीर्थ स्थल की वर्तमान हालत को देखकर हर कोई आहत हो रहा हे लेकिन इसका जिम्मेदार कोंन हे इसकी तरफ किसी ने भी घोर नही किया बस एक दुसरे को दोष देने और टांग खिंचाई में लग रखे हे हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हे की हम कुछ करते नही बस दूसरो से उम्मीद लगाये बेठे हे। आज तक हमने पुष्कर के लिए क्या किया और क्या कर रहे हे इस पर जरा घोर करो हम सिर्फ उस वक्त जागते हे जब कोई हादसा होता हे और जाग कर भी क्या करते हे सिर्फ वाटस अप पर बाते करके सिर्फ अपना टाइम पास करते और करते कुछ नही यही होता आ रहा हे और यही हो रहा हे कुछ जिम्मेदारी हमारी भी होती हे लेकिन हम अपनी जिम्मेदारियों से खुद दूर भाग रहे हे आज जो पुष्कर की हालत हो रखी हे उसके जिम्मेदार और दोषी हम लेकिन इस बात को स्वीकार कोंन करे क्योंकि सब नेता जो ठहरे सबको सिर्फ अपने कामो से लेना देना हे बस अपना काम होना चाहिए लेकिन पुष्कर हमारा हे प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि तो आज हे कल नही इनको क्या लेना देना इनको तो बस अपना कार्यकाल पूरा करना हे आप कितना कुछ इनको बोलो कोई फर्क नही पड़ने वाला।आप देखते आ रहे हे और देख भी रहे हे की पुष्कर के लिए इन्होने क्या किया पहले यह क्यों नही सोचते की हम पुष्कर के नागरिक पहले हे पार्टी बाद में आज नसीराबाद के लोगो की एकजुटता देख लो पार्टियों को भुलाकर एक जुट होकर नसीराबाद के लिए आन्दोलन कर रहे हे । अगर पुष्कर के हालत को बदलना हे तो हम सभी को एक जुट होकर कार्य करना होगा । अनिल पाराशर संपादक बदलता पुष्कर।