मृतक सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को 10-10 लाख की आर्थिक सहायता के निर्देश
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव श्री मीणा ने ली अधिकारियों की बैठक
अजमेर, 13 अगस्त। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव श्री टी. आर.मीणा ने कहा कि पुष्कर में सीवरेज लाईन दुर्घटना में मृत सफाई कर्मचारियों के परिवार को पूरा न्याय दिलवाया जाएगा। उन्होंने मृतक सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को 10-10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने एवं घटना की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
श्री मीणा आज जिला कलेक्टेªट सभागार में आयोजित बैठक में गत माह पुष्कर में सीवरेज लाईन में कार्य के दौरान तीन सफाई कर्मचारियों की मृत्यु के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ले रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की संसद ने दिसम्बर 2013 में हाथ से मैला उठाने की प्रथा का उन्मूलन विधेयक पारित किया है, जिसके तहत हाथ से मैला उठाने हेतु सफाई कर्मचारी को बाधित करने को आपराधिक कृत्य माना गया है एवं इसे प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इस एक्ट के तहत सीवरेज व बडे नालों में सफाई के दौरान सफाई कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर न्यूनतम 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान है, इसके अलावा सुरक्षा मानकों की अनदेखी करना गैर जमानती अपराध है एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग इस प्रकरण को लेकर काफी गंभीर है अतः संवेदनशील होकर मृतक सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को पूरा न्याय दिलवाने हेतु संकल्पबद्ध होकर कार्य करें। यदि आवश्यक हो तो संबंधित सफाई ठेकेदार का एग्रीमेन्ट भी रद्द किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को दी गई 5-5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता को भी नाकाफी बताते हुए 10-10 लाख रूपए की सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने मृतक सफाई कर्मचारियों के परिजनों एवं अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी भी ली।
कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने कहा कि पुष्कर में हुई घटना काफी गंभीर है यह मानवीय संवेदना से जुडी है। किसी भी सफाईकर्मी को बिना सुरक्षा उपकरण सीवरेज लाईन, मेन होल व बडे नालों में उतारना आईपीसी की धारा 304 एवं मैला उठाने की प्रथा का उन्मूलन विधेयक 2013 के तहत दण्डनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि मृत सफाई कर्मचारियों के परिजनों को लिखित बयान प्रस्तुत करने को कहा जिससे प्रकरण की जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।
पुलिक अधीक्षक श्री विकास कुमार ने कहा कि बीते माह पुष्कर में हुई दुखांतिका में तीन सफाई कर्मचारियों ने अपनी जान गवाई है, जिसकी जांच आवश्यक है। उन्होंने मृतक सफाई कर्मचारियों के परिजनों को उक्त प्रकरण की एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही, जिससे प्रकरण की पूर्ण जांच कर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को अमूमन बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवरेज लाईन व बडे नालों में उतार दिया जाता है जो उचित नही है, ऐसे कार्य के वक्त संबंधित विभाग का पर्यवेक्षण अधिकारी मौजूद होना चाहिए जो सुरक्षा मानकों की जांच के बाद ही सफाई कर्मचारियों से सीवरेज लाईन में उतरने जैसे कार्य करवाए। आयुक्त अजमेर विकास प्राधिकरण श्रीमती स्नेहलता पंवार ने बताया कि गत 13 जुलाई को पुष्कर में सीवरेज लाईन में उतरे तीन सफाई कर्मचारियों कन्हैयालाल रावत, हेमसिंह रावत एवं बाबूलाल को सीवरेज लाईन से अचेतावस्था में बाहर निकाला गया जिन्हें अस्पताल ले जाने पर मृत बताया गया। ये तीनों सफाई कर्मचारी ठेकेदार के श्रमिक थे, इनकी मृत्यु की जांच हेतु 3 अधिकारियों की कमेटी बनाई गई एवं परिजनों को 5-5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है, जिसके तहत सीवरेज लाईन की सफाई जैसे कार्य हेतु सक्शन मशीन, मेटल डिटेक्टर, एल्यूमिनियम सीढी, एयर ब्लोअर, सेफ्टी बैल्ट, रोडिंग आदि उपकरण मुहैया कराये जाते है। मृतक सफाई कर्मचारियों के परिजनों व सफाई कर्मचारी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी, ठेकेदार व अधिकारियों की लापरवाही को दुर्घटना का मूल कारण बताते हुए उचित कार्यवाही की बात कही।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव श्री मीणा ने कहा कि सफाई कर्मचारी जिन परिस्थितियों में कार्य करते है वह किसी से छुपा नही है, उनके हितोें के संरक्षण हेतु प्रभावी कदम उठाये जाना आवश्यक है। उन्होंने अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं ठेका एग्रीमेन्ट में हाथ से मैला उठाने की प्रथा का उन्मूलन विधेयक 2013 की शर्तों को शामिल करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि गंभीर प्रकृति के कार्याें के दौरान विभाग का पर्यवेक्षण अधिकारी मौजूद होना चाहिए जो सुरक्षा उपकरणों एवं मानकों की पूर्ण जांच के बाद ही कार्य की अनुमति दे।
उन्होंने मृतकों के परिजनों व सफाई कर्मचारी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को अपनी लिखित शिकायत कलक्टर डाॅ. मलिक को प्रस्तुत करने को कहा जिससे प्रकरण की जांच की जा सके। साथ ही उन्होंने उक्त मामलें में एफआईआर दर्ज करवाने की बात भी कही, जिससे मृत सफाई कर्मचारियों के परिजनों के पूरा न्याय दिलवाया जा सके। इस अवसर पर मृतक सफाई कर्मचारियों के परिजनों को श्रम विभाग व सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग के माध्यम से सहायता दिलवाने के संबंध में चर्चा कर अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री हरफूल सिंह यादव, सचिव अजमेर विकास प्राधिकरण श्री बंशीलाल मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सतीश जांगिड, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. राजेश खत्राी, पुष्कर नगरपालिका के अधिकारी, मृतक सफाई कर्मचारियों के परिजन, सफाई कर्मचारी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
