पुलिस को प्रताडित औऱ उपेक्षित मत करो

राजेश टंडन
राजेश टंडन
एक पुलिस वाले को कानून का ज्ञान होना चाहिए, कम्प्यूटर आना चाहिए, सभी तरह के व्हीकल चलाने आना चाहिए, सभी हथियारो की बारीकियां पता होनी चाहिए, RTI, PARLIAMENT QUESTIONS का जवाब देना आना चाहिए, आतंकवादियों की रणनीति पता होनी चाहिए, रात भर उल्लू की तरह जागने की क्षमता होनी चाहिए, किसकी लडकी कब भागेगी ये पहले से पता होना चाहिए, कहां ट्रैफिक जाम लगेगा ये सपना आना चाहिए, 24 hrs duty करके भी सलमान खान सा फिट होना चाहिए, घर बार का मोह छोड देना चाहिए ओर हर अैरे गैरे नत्थू खैरे से सर प्लीज बोलकर बात करनी चाहिए अपराधी का सूँघकर पता लगा लें व फैसला आन द स्पाट कर देना चाहिए ,मानव अधिकारों का उल्लघंन नहीं करना चाहिये बडे से बडे अपराधी के हथकडी बेडी नहीं लगानी चाहिये चाहे मुलजिम भाग ही क्यों ना जाये क्योकी प्रेम शंकर शुक्ला केस की नजीर है , की आप अपराधी के हथकडी बेडी नहीं लगा सकते हो चाहे आप पर 224 IPC का केस खुद पर क्यों ना लग जाये।सरकार डोडा पोस्त के मामले में तो दो दिन में सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर फैसला बदलवा सकती है पर प्रेम शंकर शुक्ला मामले में कुछ नहीं करेगी , गुन्डा Act में भी क्ई साल बाद फैसला आया था ।

तब जाकर जनता शायद कहे की हां पुलिस कुछ करती है ,बहुत गहन चिन्तन का विषय है पुलिस में भी हमारे ही बहन औऱ भाई है वो भी भारत के नागरिक है उन्हे प्रताडित औऱ उपेक्षित मत करो उनके लिये भी मानव अधिकार है सभी को एक डन्डे से मत हांको , दोषी को कडी से कडी सजा मिले पर निर्दोष को बिना वजह प्रताडित जलील औऱ सजायाब मत करो ऐसी मेरी विनती है
राजेश टंडन अजमेर।

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