भविष्य में बनने वाले शंकराचार्य जी का कहना था की उनके द्वारा स्थापित गणेश जी की प्रतिमा ( इकोफ्रेंडली ) है और इसका विसर्जन करने से माँ गंगा प्रदूषित नहीं होगी । लेकिन इसके बावजूद बनारस के पुलिस प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी और बीती रात को ढाई बजे शांति पूर्वक धरने पर बैठे हिन्दू श्रद्धालुओं को चारो तरफ से घेर कर उन पर जमकर लाठी चार्ज किया । प्रदर्शनकारी पुलिस के सामने हाथ जोड़ते रहे और वो निर्दयता से उन पर डंडे बरसाते रहे । हद तो तब हो गई जब पुलिस के जवानो ने हमारे धर्म के सबसे बड़े गुरु माने वाले शंकराचार्य जी को भी नहीं बख्शा । उनकी कॉलर पकड़कर उन्हें धक्के मारे गए । उनके साथ माँ बहन की गाली गलौच की गई । इससे भी जब उनका जी नहीं भरा तो उनकी भी पिटाई की गई ।
में पूछना चाहता हूँ की यह कौनसा लॉ एन्ड ऑर्डर है जो निहत्थे लोगो पर आधी रात में डंडे बरसाने और उन्हें दौड़ा दौड़ा कर पीटने का हुकुम देता है । कौर्ट के आदेशो की पालना करने वाली ड्यूटी के नाम पर हमारे संत महात्माओ को घसीट घसीटकर पीटा जाता है । वाकई इस खबर ने मन को बहुत दुखी किया है ।
यह हाल तो तब है जब हिन्दू इस देश में बहु संख्यंक कहलाता है । सोचो जिस दिन हिन्दू अल्प संख्यंक हो जायेगा तब क्या हाल होगा । एक बात और है जिस तरह से उत्तर प्रदेश की सरकार गंगा को साफ़ रखने के नाम पर गणेश प्रतिमाओ को विसर्जित ना करने पर सख्ती दिखा रही है क्या वही सख्ती कल बकरा ईद पर भी लागू की जायेगी । क्यों की कल लाखो की संख्या में जानवर काटे जाएंगे और उनके बचे हए अवशेषो सहित उनकी हड्डियां और चमड़ा इसी माँ गंगा में डाला जाएगा । यदि अखिलेश सरकार में थोड़ी भी गैरत बाकी है तो गंगा में डाले जाने वाले इन बेजुबान जानवरो के अवशेषो को भी इसी तरह रोक कर दिखाए । वरना इस घटना से तो स्पष्ट है की यू पी सरकार कौर्ट के आदेशो की आड़ में हिन्दुओ पर अत्याचार कर रही है और इसका खामियाजा उसे आने वाले चुनावो में भुगतना ही पड़ेगा ।
राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन