ये हमारा ही नहीं सत्ता पक्ष के केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौत्तम का भी सवाल हैं? विधायक गौत्तम ने कल रात अजमेर के जिला पुलिस अधीक्षक विकास कुमार को फोन कर भी यही सवाल किया कि क्या केकड़ी में जगलराज चल रहा हैं कि पुलिस जिसे चाहे उठा लाती हैं और हवालात में बंद कर देती हैं। विधायक ने एसपी से फोन पर बात कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरा रोष जताया हैं। विधायक ने कहा कि केकड़ी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से पुलिस की कार्यप्रणाली से आमजनता में खासा रोष व्याप्त हो गया हैं,जिस पुलिस का काम आम जनता की रक्षा कर अपराधियों में डर होना चाहिए यहां उसका ठीक उल्टा हो रहा हैं। विधायक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि पुलिस ने अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव नहीं किया तो जनता का गुस्सा फूट पड़ेगा और वे एक जनप्रतिनिधि होने के नाते यह कदापि बर्दाश्त नहीं करेगें।
अब आपको बताते हैं कि आखिल कल रात हुआ क्या….
कल रात करीब 9.30 बजे शहर के ब्यावर रोड़ पर एक किसान अपने खेतों में पानी पहुंचाने के लिये पाईप लगा रहा था कि तभी पुलिस गश्त के दौरान केकड़ी थाने के एसआई मोतीलाल वहां पहुंच गये और किसान से पुलिसिया अंदाज में सवाल जवाब करने लगे। इस दौरान एसआई ने किसान से कहा कि इतनी रात में वह पाईप लगा रहा हैं क्या दिन में ये काम नहीं कर सकता था तो किसान ने भी पलट कर जवाब दे दिया कि साहब जब समय मिलेगा तभी तो काम करूंगा। बस ये जवाब दरोगा साहब को नागवार गुजरा और उन्होने उसे उठा कर जीप में डाल थाने ले आये और बंद कर दिया हवालात में। इस घटनाक्रम की खबर जूं ही केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौत्तम को लगी तो वे भी तुरंत थाने पहुंच गये तो देखा कि उस किसान को हवालात में इस तरह बैठा रखा था जैसे किसी हार्डकोर अपराधी को बैठाया जाता हैं,जिसके बाद विधायक का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होने थानाधिकारी को जमकर खरी-खोटी सुनाई। इसके साथ ही विधायक ने तुरंत जिला पुलिस अधीक्षक विकास कुमार को फोन कर पूरे मामले की जानकारी देते हुए उनसे ही पूंछा कि क्या केकड़ी में जंगलराज चल रहा हैं??? सवाल वाजिब भी हैं कि क्या पुलिस किसी को भी सिर्फ इसलिये उठा कर ले आयेगी कि उसने पलट कर उनका जवाब दे दिया??? आखिर देश में लोकतंत्र हैं और लोकतंत्र के अधिकार के तहत ही हर देशवासी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार प्राप्त हैं यह कोई गुनाह नहीं हैं जो उसे उठा कर हवालात में बंद कर दिया जाये। गौरतलब हैं कि यह पहली दफा नहीं हैं जब पुलिस का ये रवैया सामने आया हो पिछले कई दिनों से केकड़ी में आमजन में पुलिस का खौफ व्याप्त हैं,रात 11 बजे के बाद केकड़ी में लोग अब सड़क पर निकलने तक से डरते हैं और यह डर हैं केकड़ी पुलिस का…यहां के हालात कुछ ऐसे हो गये हैं कि रात 11 बजे बाद यदि किसी के रिश्तेदार बस से यहां पहुंचते हैं तो उन्हे बस स्टेण्ड लेने जाने तक में व्यक्ति घबराने लगे हैं कि कहीं उन्हे पुलिस पकड़ कर हवालात में न डाल दे। ऐसे में सवाल उठता हैं कि आखिर इस तरह की कार्यप्रणाली से केकड़ी पुलिस क्या संदेश देना चाहती हैं? क्या पुलिस अपराधों पर रोकथाम करने की बात कह कर आमजन के साथ ऐसा व्यवहार कर सकती हैं? क्या रात 11 बजे बाद यदि कोई भी शक्स सड़क पर दिखाई दिया तो उसे हवालात में बंद कर देगी?? यह तो सच में जंगलराज का ही उदाहरण हैं। इस मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों सहित सरकार में बैठे नुमाइंदों को भी सोचना होगा और आमजन के हितों के लिये सही कदम उठाने होंगें अन्यथा आमजन में फैला ये रोष एक बड़े जनआंदोलन का रूख अपना सकता हैं।
पीयूष राठी
पत्रकार