उत्सवों से हमारी संस्कृति जीवित रहती है

अजमेर। दुनिया में प्राचीनतम सिन्धु घाटी सभ्यता हमारी संस्कृति है और ऐसे उत्सवों से हम हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को जीवित रखते हुये संस्कृति का ज्ञान युवा पीढी को करवाते हैं, लक्षमी जी की पूजा करते हुये राम राज्य की कल्पना साकार करते है ऐसे विचार भारतीय सिन्धु सभा की ओर से सन्त कवंरराम धर्मषाला में आयोजित दीपावली स्नेह मिलन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख निरंजन षर्मा ने प्रकट किये। सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने संगठन के इतहास की चर्चा के साथ दीपावली त्योहार के महत्व पर विचार प्रकट किये।
सभा के प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने आगामी 26-27 दिसम्बर 2015 को पुष्कर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय सिन्धी पंचायत (मुखी) सम्मेलन की चर्चा करते हुये सभी को तैयारी में जुटने का आव्हान किया।
अजमेर संभाग प्रभारी नरेन्द्र बसराणी ने स्वागत भाषण व महानगर अध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी ने आभार प्रकट किया। मंच का संचालन महानगर मंत्री महेष टेकचंदाणी ने किया। प्रारम्भ में भारत माता व सिन्ध के मानचित्र पर दीप प्रज्जवलन कर किया गया। के.जे. ज्ञानी ने चओ ब्ेली खोल चवणांे अथई, डॉ. किषनी फुलवाणी ने सिन्धी कलाम सिन्धी अबाणी ब्ोली व मोहन कोटवाणी ने राष्ट्र की जय चेतना का गान वन्दे मात्रम प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में पार्षद मोहनलाल लालवाणी, खेमचन्द नारवाणी कोषाध्यक्ष कमलेष षर्मा, भगवान साधवाणी, रमेष वलीरामाणी, भगवान पुरसवाणी, नानकराम जयसिंघाणी, तुलसी सोनी, जयप्रकाष मंघनाणी, जयकिषन हिरवाणी, गुल छताणी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

(महेष टेकचंदाणी)
महानगर मंत्री,
मो. 09413691477

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