ब्यावर के सीआई अनूप सिंह को हटाया, डीजी ने दिए निष्पक्ष जांच के आदेश

beawar samacharअजमेर जिले में ब्यावर उपखंड की पुलिस ने गत 29 नवम्बर की रात को एक इवेन्ट कम्पनी के जिन लड़के-लड़कियों को पीटा एक्ट में गिरफ्तार किया, उस मामले में ब्यावर सदर थाने के सीआई अनूप सिंह को थाने से हटा दिया गया है। अब इस मामले की जांच अजमेर शहर के अति. पुलिस अधीक्षक अवनीश शर्मा करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र के एएसपी विनीत बंसल को जांच से दूर रखा गया है क्योंकि गिरफ्तारी के समय बंसल भी ब्यावर पहुंच गए थे तथा उन्हीं के निर्देश पर आगे की कार्यवाही हुई थी। इस मामले में अन्य पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही हो सकती है।
डीजी ने दिए आदेश:
ब्यावर के इस मामले में राज्य के डीजी मनोज भट्ट ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। भट्ट ने 3 दिसम्बर को रेन्ज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल को टेलीफोन पर निर्देश दिए कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच करवाई जाए और यदि जांच में कोई पुलिस अधिकारी अथवा कर्मचारी दोषी पाया जाए तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। भट्ट ने कहा कि यह मामला महिलाओं के मान-सम्मान से जुड़ा हुआ है। इसलिए इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाए। जांच में यह पता लगाया जाए कि 29 नवम्बर की रात लड़के-लड़कियों को ब्यावर शहर की एक होटल में छोड़कर शहर के बाहर एक रिसोर्ट में क्यों जाना पड़ा? साथ ही होटल और रिसोर्ट में लगे सीसी टीवी कैरमों के फुटेज भी देखकर सच्चाई का पता लगाया जाए। महिलाएं पुलिस अधिकारियों पर जो आरोप लगा रही है उसकी भी उच्च अधिकारी से जांच करवाई जाए।
आईजी से मिली युवतियां:
3 दिसम्बर को ही पीडि़त युवतियां रेन्ज की आईजी मालिनी अग्रवाल से मिलीं और उन्हें रोते हुए अपनी आपबीती सुनाई। युवतियों ने कहा कि वे जयपुर की एक इवेन्ट कम्पनी में काम करती हैं और आईएएस जैसी परीक्षाएं भी दे रही हैं। इवेन्ट कम्पनी में काम करने का मतलब यह नहीं कि वे कोई गलत काम करती हैं। यदि रोजगार के लिए वे कम्पनी में कार्य कर रही हैं तो यह कोई सामाजिक बुराई नहीं है। लेकिन ब्यावर की पुलिस ने अजमेर के एक उच्च अधिकारी के कहने पर उन्हें एक रिर्सोट से पीटा एक्ट में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपनी और से शराब की बोतलों और आपत्तिजनक सामान की बरामदगी भी दिखाई है। आईजी श्रीमती अग्रवाल ने युवतियों को भरोसा दिलाया कि आरोपों की जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं एक महिला हैं इसलिए महिला के मान-सम्मान को अच्छी तरह समझती हैं।
विधायक ने की थी मांग:
शंकर सिंह रावत ने मांग की थी कि इस प्रकरण में ब्यावर थाने के पूरे स्टाफ को सस्पेंड किया जाए। क्योंकि पुलिस ने बेवजह झूठा मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही ब्यावर के जागरूक लोगों ने भी पुलिस कार्यवाही को झूठा बताया था। लोगों के दबाव के बाद ही पुलिस को अपने सीआई को हटाना पड़ा है।
(एस.पी. मित्तल)
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