मां की दुआ से बचता हूं हर बार

आकाश गंगा का लोकार्पण हुआ
IMG_0397अजमेर/कविता अनन्त जन्मांे के पुण्यों का फल होती है। काव्य की सभी विधाएं मन में गहरे बसे भावों को अभिव्यक्त करती हैं, इसीलिए श्रोता और पाठकों को अपनी सी लगती हैं। ये विचार व्यक्त करते हुए मूर्धन्य साहित्यकार डॉ बद्रीप्रसाद प्रचोली ने कहे । वे अभिनव प्रकाशन और ‘नाट्यवृंद‘ के संयुक्त तत्वाधान में शायर सैयद हसन अली के कविता संग्रह ‘आकाश गंगा‘ का लोकार्पण व पुस्तक चर्चा के अवसर पर 10 दिसम्बर गुरूवार को सांय 5 बजे इण्डोर स्टेडियम सभागार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नाटककार उमेश कुमार चौरसिया ने कवि के कृतित्व का परिचय देते हुए कहा कि ख्वाजा और ब्रह्मा की पुण्य भूमि अजमेर में प्राचीनकाल से ही साहित्य विधा पल्लवित होती रही है।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर बोलते हुए शिक्षाविद् डॉ अनन्त भटनागर ने काव्य संग्रह की कविताओं को सामान्य जीवन से गुजरते हुए आम आदमी के अनुभवों की अभिव्यक्ति बताया। कवि बख्शीश सिंह ने कहा कि इन गज़लों में चुनिंदा लफ्जों का खूबसूरत इस्तेमाल किया गया है। पुस्तक पर चर्चा करते हुए डॉ विष्णुदत्त शर्मा ने कविता ‘माँ की दुआ से बचता हूँ हर बार, कभी गिर नहीं सकता‘ का जिक्र करते हुए बताया कि संकलन की कविताओं में जीवन के विविध रंग बिखरे हुए हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए गीतकार डॉ पूनम पाण्डे ने सुरीले गीतों से रोचकता प्रदान की। संयोजक अभिनव प्रकाशन के अनिल गोयल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कलाकार अंकित शांडिल्य ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ हरीश गोयल, डॉ कालिंद नंदिनी शर्मा, अनिल जैन, देशबंधु परदेसी, कुलदीप खन्ना, निर्मल सहवाल, मोहित कौशिक, अतिन गोयल, नितेश माथुर, देशवर्द्धन सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
अनिल गोयल
‘अभिनव प्रकाशन‘
उमेश कुमार चौरसिया
‘नाट्यवृंद‘
संपर्क. 9460900527, 9829482601

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