ब्यावर, 19 जनवरी। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन योजना के तहत अजमेर जिले की 43 ग्राम पंचायतों के 108 गांव का प्रथम चरण में चयन किया गया है। जिसके तहत इन सभी गांवों में जागरूकता रथ के माध्यम से जन-जन को जल संरक्षण व जल संग्रहण का संदेश दिया जा रहा है। इसी क्रम में जवाजा पंचायत समिति की 8 ग्राम पंचायतों के 27 गांवों में भी जागरूकता रथ आमजन को जल संरक्षण के माध्यम से जल समस्या को दूर करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
सहायक अभियन्ता जलग्रहण श्री शलभ टण्डन ने बताया कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान का विधिवत शुभारम्भ 27 जनवरी 2016 को होगा। इस अभियान के तहत प्रथम चरण में प्रदेश के 3 हजार गांवों को उपलब्ध जल संसाधन के संरक्षण, संवर्द्धन व संग्रहण के लिए योजनाबद्ध तरीके से स्वावलम्बी बनाने का लक्ष्य है। जिसके तहत अजमेर जिले के 43 ग्राम पंचायतों के 108 गांव भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जवाजा पंचायत समिति से प्रथम चरण में 8 ग्राम पंचायत के 27 गांव को अभियान के तहत जल संरक्षण संबंधी कार्याे के माध्यम से स्वावलम्बी बनाने का लक्ष्य है। इस अभियान के महत्व के प्रति आमजन को जागरूक करने हेतु जवाजा पंचायत समिति के विभिन्न गांवों में जागरूकता रथ के माध्यम से जल जागृति का संदेश दिया जा रहा है। इसी क्रम में 19 जनवरी को ग्राम मेडि़या, डूंगरखेड़ा, रामपुरा मेवातिया में जागरूकता रथ पहुंचे और आमजन को लोक नृत्य, संगीत व प्रचार सामग्री के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया।
इन गांवों में भी जाएंगे जागरूकता रथ
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के बारे में अलख जगाने के लिए जवाजा पंचायत समिति की विभिन्न ग्राम पंचायतों में जागरूकता रथ पहुंचे हैं। इसी क्रम में आगामी दिनों में दौलतपुरा, बलाड, देलवाड़ा, शेषपुरा, गढ़ी थोरियान, सैमला, रामगढ़ झूंठा, नून्द्रीमालदेव, गणेशपुरा, शिवनाथपुरा,गोविन्दपुरा, जालिया-ठीकराना, रतनपुरा सरदारा एवं नून्द्री मेन्द्रातान आदि गांवों में भी जागरूकता रथ पहुंचकर आमजन को जल जागृति का संदेश देंगे। रथयात्राओं में बड़ी संख्या स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रबुद्धजन एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल हो रहे हैं।
यह कार्य किये जाएंगे
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत प्रथम चरण में चयनित जिले की 43 ग्राम पंचायतों के 108 गांवों में 27 जनवरी से 30 जून तक 96 करोड़ रूपये की लागत से 5 हजार 600 से अधिक जल संरक्षण व संग्रहण से संबंधित कार्य करवाये जाएंगे। जिसके तहत नाडी निर्माण, नाडी से मिट्टी निकालना, तालाब व पोखर से मिट्टी की खुदाई, नाले की खुदाई, एनीकट निर्माण, पुरानी बावडि़यों, कुओं आदि जल स्त्रोतों का पुनरूद्धार समेत जल संरक्षण व जल संग्रहण से संबंधित विभिन्न कार्याे के माध्यम से गांवों को जल उपलब्धता की दृष्टि से स्वावलम्बी बनाया जाएगा। इस अभियान में सामाजिक संगठनों, व्यापारियों एवं भामाशाहों का सहयोग भी लिया जाएगा।
