बजट से बहुत अपेक्षाएं हैं

सत्य किशोर सक्सेना
सत्य किशोर सक्सेना
राजस्थान विधान सभा में वितीय वर्ष 2016-17 के पेश होने वाले बजट एंव राज्य की वितीय स्थिति , जन सामान्य की भाजपा के गत विधान सभा चुनाव के अवसर दिं.20/11/2013 को जारी ‘चुनाव घोषणा पत्र ‘ के संदर्भ में अपेक्षाओ पर चर्चा सामयिक है।
तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राज नाथ सिंह व मुख्य मंत्री पद की प्रत्याशी वसुन्धरा राजे ने संयुक्त रूप से ‘ चुनाव घोषणा पत्र ‘जारी किया जिसमें वादा किया गया था कि:
१-युवाओं की बेरोज़गारी दूर करने के लिये 15 लाख सरकारी नौकरियाँ ।
२-अक्षत योजना के माध्यम से स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्री धारी युवकों को 500-1000 रू. प्रति महीना बेरोज़गारी भत्ता ।
३- शिक्षक भरती हेतू टेट(TET)परीक्षा की अनिवार्यता की समीक्षा कर बाधायेंदूर करना।
४-आरक्षण- गुर्जर , राईका,बंजारा,गाड़ियाँ लौहार को एस.बी.सी.का 5 प्रतिशत
स्वर्णों को 14 प्रतिशत आरक्षण को क़ानूनी रूप दिये जाने।
५-शिक्षा के क्षैतर में: निःशुल्क बालिका शिक्षा
६-किसानों-8घंटे थ्री फ़ेज़ बिजली सिंचाई हेतू
७-किसानों को 1 प्रति शत दर पर कृषि रिण।
८- कृषि सुरक्षा क़ानून लागु करने
९-गोवंश संवर्धन के लिये अलग से गोपालन मंत्रालय
१०-मनरेगा अधिनियम के तहत स्वीकृत कार्यों की अधिसूचना में पशुपालन व इस से जुड़ी गतिविधियों को शामिल हेतू संशोधन बाबत भारत सरकार से प्रयास ।
११-किसानों का क़र्ज़ माफ़।
१२- किसानों को कम दरो पर खाद व बींज
१३-निःशुल्क पशु चिकित्सा व पशु धन के लिये मोबाइल चिकित्सा सका प्रबंध ।
१४-शहरी क्षैतर में 24घंटे बिजली।
१५-अल्प संख्यको के शैक्षणिक ढाँचे का विकास
१६-पुलिस कल्याण बोर्ड का गठन।
१७-पिछड़े इलाक़ों के लिये मोबाइल मेडिकल वैन
१८- पाकिस्तान से विस्थापित होकर आये हिन्दुओं का पुनर्वास
१९- आदिवासी क्षैत्रो के लिये टिराईबल सर्विस सब प्लान के तहत सेवा नियम , पंचायत समिति/ सब डिविज़न की प्रशासनिक इकाईयो को छोटा करने व ग्रामीण विकास में स्थानीय लोगों को भरती में प्राथमिकता , महाराणा प्रताप के नाम पर आदिवासी क्षैत्रो के लिये पुलिस बटालियन ,
२०-तींरनदाजी की तर्ज़ पर अन्य खेलो के लिये अन्तर राष्ट्रीय स्तर की एकेडमी
२१-महिलाओं व व्यापारी वर्ग को सामाजिक सुरक्षा।
२२-क़ानून व्यवस्था को बेहतर बनाना।
आप सजग नागरिक सवंय के स्तर पर चिन्तन उपरांत निर्णय ले क्या भाजपा सरकार उकत दिशा में वायदे पूरे करने की दिशा में कुछ क़दम भी चल पाई है जब 2 वर्षों से अधिक का समय बीत चुका है तथा 9 माह बाद उलटी गिनती प्रारम्भ हो जावेगी।
कल के बजट से अपेक्षा हैकि:
१-डीज़ल व पेट्रोल पर से वैट 14 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया जावे ताकि मंहगाई कम हो।
२-मंहगाई कम करने की दिशा मे प्रभावशाली पहल हो।
३- शिक्षा के क्षैतर में सुधार हो , प्रयोग बंध हो, शिक्षकों की कमी को दूर किया जाय , शिक्षक भरती की जाये,कोठारी आयोग की सिफ़ारिश के अनुसार विद्यार्थी -शिक्षक का अनुपात 28:1 होना चाहिये जो वर्तमान मे 48:1है अर्थात स्कूलों में बच्चों व कक्षाओं के लिये शिक्षक नहीं है परिणामत: शिक्षा का स्तर इतना गिर चुका है कि कोई भी सरकारी स्कूल में बच्चे को नही पढ़ाना चाहता , इस लिये शिक्षा का व्यवसायिकरण हो चुका है व ग़रीब के पास विकल्प नहीं है।
४-7वे वेतन आयोग की सिफ़ारिशों को अक्षरत: पालन किया जावे
५- सभी विभागों में रिक्त पदों को भरती के माध्यम से भरा जावे।
६ -राज्य के राजस्व वृद्धि के नये स्रोतो का अध्ययन कर करारोपण हो व वर्तमान कर प्रणाली को सरल किया जावे।
७-राजस्व घाटा कम किया जावे व राज्य में वितीय अनुशासन लागू किया जावे,बजट घाटा नियंत्रित सीमा में हो।
८- शहरी व ग्रामीण क्षैत्रो में आधारभूत /बुनियादी इन्फ़्रास्ट्रक्चर का विकास हो
९- मकान , सड़क , बिजली , शिक्षा, संचार साधनों ,वितीय सुविधाओं का विकास हो।
१०- विधुत दरो को सरल व कम किया जाये।
११- स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार व सुधार हो
१२- अन्तर राष्ट्रीय स्तर पर नवजात मृत्यु दर 28 प्रति 1000 होनी चाहिये लेकिन राजस्थान में 59 है।
अपेक्षायें कई हैं, सब का उल्लेख इस अवसर पर संभव नही है। देखते हैं बजट कितना विकास उन्मुख होता है।

सत्य किशोर सकसेंना एडवोकेट
राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर।
पूर्व ज़िला प्रमुख, अजमेर
मो. 9414003192

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