शरणार्थी और विस्थापित शब्द का फर्क ढंग से स्पष्ट नहीं किया

whatsapp-logo 450?कुछ दिनों से वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वीडियो फॉरवर्ड करने वाले सिन्धियों को लगता है की इस वीडियो में सिन्धियों की तारीफ़ की गयी है लेकिन मुझे नहीं लगता। पूज्य मुनि चन्द्रप्रभ जी ने शरणार्थी और विस्थापित शब्द का फर्क ढंग से स्पष्ट नहीं किया है।
?उनकी मानसिकता स्पष्ट दिखती है की हम इस देश के मूल निवासी नहीं हैं और यहाँ हम दया के पात्र बन कर आये थे, दयनीय थे और हमने यहाँ के मूल निवासियों की दयनीयता का लाभ उठाया और अपनी उद्यमियता से हम यहां के मूल निवासियो से ज्यादा समृद्ध हो गए। यही मानसिकत लगभग अन्य सभी समाजों की सिन्धियों के प्रति होती है। साधारण सिंधी अपने सरल स्वभाव की वजह से इसे अपनी तारीफ़ समझता है लेकिन वो इन शब्दों के पीछे छिपे उनके द्वेष को नहीं भांप पाता है।
?इन मुनि चन्द्रप्रभ जी को विस्थापित और शरणार्थी शब्द का फर्क समझाना बहुत जरुरी है। हमारे इस देश के संसाधनों पर ज्यादा हक़ है।
?जहाँ कहीं भी सिन्धियों के लिए शरणार्थी शब्द का प्रयोग होता देखें तुरंत अपनी आपत्ति दर्ज करवाएं और शरणार्थी और विस्थापित का फर्क जरूर समझाएं।
?मैं जब भी सिन्धियों के लिए शरणार्थी शब्द का प्रयोग सुनता हूँ तो मेरे तन बदन में आग लग जाती है।
?सिंधी समाज भी हिन्दू धर्म को ही मानता है और हिन्दू होने के वजह से ही हमें “सिंध” अपनी मातृभूमि से “विस्थापित” होना पड़ा और हम अपने ही देश मैं “रिफ्यूजी” (शरणार्थी) हो गए।
?यहाँ पर विस्थापित और रिफ्यूजी (शरणार्थी) शब्द का फर्क भी समझना बहुत जरुरी है। रिफ्यूजी (शरणार्थी) वो है जो किन्ही कारणों से जैसे गृह युद्ध, प्राकृतिक आपदा की वजह से अन्य देश की शरण लेने को मजबूर होते हैं उन्हें रिफ्यूजी (शरणार्थी) कहते हैं और उन्हें उस देश जिसकी उन्होंने शरण ली होती है में कोई विशेष अधिकार नहीं होते हैं। वो उस देश के रहमोंकरम पर होते हैं।
?विस्थापित वो होते हैं जिन्हें किन्हीं कारणों जैसे सरकार द्वारा किसी परियोजना के लिए उनकी जमीनों का अधिकरण या जैसे हम सिंधियों के केस मैं देश का बटवारा आदि वजहों से अपने ही देश की सीमा मैं अपने जमीन जायदाद को छोड़ दूसरे स्थान पर विस्थापित होना पड़ता है ऐसे व्यक्ति और ऐसे व्यक्तियों का समूह विस्थापित की श्रेणी में आते हैं। ऐसे लोगों के विशेष अधिकार होते हैं। सरकार को ऐसे लोगों की जान-माल की सुरक्षा की संवैधानिक जिम्मेदारी होती है। उनके जमीन-जायदाद का उचित मुवावजा देना पड़ता है। उनकी भाषा संस्कृति की सुरक्षा की संवैधानिक जिम्मेदारी सरकार की होती है। उनको सम्मानजनक जीविका उपलब्ध कराने की भी जिम्मेदारी सरकार की होती है। तो यह फर्क होता है एक रिफ्यूजी (शरणार्थी) और विस्थापित मैं। चूँकि हम सिंधी भी विस्थापित की श्रेणी में आते हैं अतः हमें ये विशेषाधिकार प्राप्त हैं।
whats app

2 thoughts on “शरणार्थी और विस्थापित शब्द का फर्क ढंग से स्पष्ट नहीं किया”

  1. अव्वल तो किसी भी जाति के नाम पर धारणा बनाना ही नासमझी है भले ही वह तारीफ क्यों न हो. तब आपको जाटों , बनियों , सरदारों आदि के बारे में प्रचलित नकारात्मक धारणाओं को भी मानना होगा. फिर अपने ही देश के एक हिस्से से बाकी हिस्सों में जाने वाले शरणार्थी कैसे हो सकते हैं ?

  2. Sindhi sharnarthi nahin hai…be Bharat desh me vasi hai unki jadein vatan ki mitti mein pukhtagi SE Judi Hui hain…be jahan rope jaate hain vahin apna vikas karne mein saksham hai.

Comments are closed.

error: Content is protected !!