होली पर्व (होलिका-दहन) के दौरान किये जा सकने वाले कुछ सरल उपाय

अंजु आनंद
अंजु आनंद
-अंजु आनंद ज्योतिषाचार्या- तंत्र शास्त्र में चार रात्रियों का विशेष उल्लेख है तंत्र क्रियाओं की प्रमुख चार रात्रियों में से एक रात ये भी है होलिका दहन की रात्रि को तंत्र साधना की दृष्टि से हमारे शास्त्रों में महत्वपूर्ण माना गया है और यह रात्रि तंत्र साधना व लक्ष्मी प्राप्ति के साथ खुद पर किये गए तंत्र मंत्र के प्रतिरक्षण हेतु सबसे उपयुक्त मानी गई है| तंत्र शास्त्र के अनुसार होली के दिन कुछ खास उपाय करने से मनचाहा काम हो जाता है। होली को दीपावली, नवरात्र, शिवरात्रि के समान चार महारात्रियों में से एक माना गया है। इस रात में साधना करने से अन्य दिनों की अपेक्षा शीघ्रता से फल प्राप्त होता है।
मनोकामना पूर्ति हेतु
होली वाले दिन खीर बनाये| बेलपत्र पर सफेद चन्दन का लेप लगा कर साथ में खीर भगवान शिव को अर्पित करें |
आर्थिक सम्पन्नता के लिए
लाल गुलाल को लाल कपडे में बाँध कर तिज़ोरी में रखें साथ ही होलिका दहन की संध्या पर दोमुखी आटे का दीपक घर की दहलीज़ पर जलाएं |
व्यवसाय में लाभ के लिए गुलाल में मोती शंख और चांदी का सिक्का लाल कपडे में लपेट कर तिज़ोरी में रखें|
रोग मुक्ति के लिए उपाय
अगर आप किसी बीमारी से पीडि़त हैं, तो इसके लिए भी होली की रात को खास उपाय करने से आपकी बीमारी दूर हो सकती है। होली की रात आप नीचे लिखे मंत्र का जाप तुलसी की माला से करें।
मंत्र- ऊं नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा
जलती हुई होलिकाग्नि के चारों ओर हाथ जोड़कर तीन परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करने से रोग दूर होता है।
सुख समृद्धि के लिए
होली की राख को घर के चारों ओर और दरवाजे पर छिंट दें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों को प्रवेश नहीं होता है। घर में सुख-समृद्घि आती है।
बुरी नज़र से बचने के लिए
जौ, अरसी, कुश को गाय के गोबर में मिलाकर छोटा उपला बना लें। इसे घर के मुख्य दरवाजे पर लटका दें। ऐसा करने से बुरी शक्तियों, नज़र दोष, टोने-टोटके से घर और घर में रहने वाले लोग सुरक्षित रहते हैं।
अगर छोटे बच्चो को डर लगता है तो होलिका की जाली हुई लकड़ी सुबह घर लए और बच्चे के सिरहाने रख दें|
सूखे गोले में देसी घी, काले तिल और देसी खांड भर कर होलिका दहन के दौरान इष्ट-मंत्र से “स्वाहा” सहित जलती हुई होली में अर्पित करें।
होलिका दहन के बाद बची हुई राख को माथे पर लगाएं। इसे लगाने का सही तरीका है बायीं ओर से दायीं ओर तीन रेखा खींचें। इसे त्रिपुण्ड कहते हैं। इसे लगाने से 27 देवता प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि पहली रेखा के स्वामी महादेव हैं, दूसरी रेखा के महेश्वर और तीसरी रेखा के शिव।
इसी तरह होलिकाग्नि की राख लगाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इससे से आज्ञा चक्र उर्जावान होता है और मेधा शक्ति बढ़ती है।

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