अजमेर 25 मार्च। सूफी संत हज़रत बाबा हरप्रसाद शाह उवैसी के खलीफा ए खास हज़्ारत रामदत्त मिश्रा उवैसी का सालाना उर्स बड़ी अज़्ामत व शानो-शौकत के साथ मनाया गया। उर्स में शिरकत करने आए सैंकड़ों अ$कीदतमंदों ने मजार शरीफ पर मखमली चादर और पुष्प पेश कर अपनी अकीदत का इजहार किया। अनेक अकीदतमंदों ने मुरादें एवं मन्नतें पूरी होने का शुक्राना अदा किया।
उर्स में आयोजित हुए कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए उवैसिया रूहानी सत्संग आश्रम के अध्यक्ष गुरुदत्त मिश्रा ने बताया कि उर्स का आगाज हुज़्ाूर की मज़्ाारे-मुबारक पर फूल पेश कर हुआ फिर ध्यान व सुमिरन कार्यक्रम हुए। दोपहर में आध्यात्मिक चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें वर्तमान गुरु मुनेन्द्रदत्त मिश्रा च्उवैसीज् ने अ$कीदतमंदों को संबोधित किया। गुरु मुनेन्द्रदत्त मिश्रा ने कहा कि सूफीवाद एक ऐसा मार्ग है जिसके माध्यम से आधुनिक जीवन शैली में जीते हुए भी हम ध्यान, चिन्तन एवं मनन द्वारा आत्मोत्थान कर सकते हैं। कार्यक्रम का सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं आकृष्ट करने वाला मंजर तब देखने को मिला जबकि अ$कीदतमंद एक लंबी क़तार में गाजे बाजे के साथ मखमली चादरें लेकर मज़ारे-शरीफ़ पर हाजि़र हुए। इस अवसर पर कव्वालों द्वारा चादर की शान में $कलाम पेश किए गए। सायं 7 बजे से लंगर का आयोजन हुआ और रात 9:30 बजे गुरु मुनेन्द्रदत्त मिश्रा च्उवैसी ज् की सदारत में महफिल आयोजित की गई । कव्वालों नेे उवैसिया सिलसिले के बुजुर्गान, बाबा बादामशाह गुरुवर हरप्रसाद मिश्रा एवं हजरत रामदत्त मिश्रा की शान में एक से एक आला सूफियाना कलाम पेश किए। उर्स के अवसर पर आयोजित यह महफिल सुबह तक चली अंत में सभी कव्वाल पार्टियों द्वारा मिलकर रंग व सलाम पेश किया गया तथा कुल की रस्म एवं प्रसाद वितरण के साथ उर्स संपन्न हुआ।
गुरुदत्त मिश्रा
अध्यक्ष
उवैसिया रूहानी सत्संग आश्रम, अजमेर