जिले के समस्त श्रमिक हो पंजीकृत – डाॅ. आरूषी मलिक

मिले अधिकतम श्रमिकों को योजनाओं का लाभ- जिला कलक्टर
aarushi-a-malik-thumbअजमेर 30 मार्च। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले के समस्त श्रमिकों का संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए उनका पंजीयन करवाया जाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्रा के भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों के हितार्थ कल्याणकारी योजनाएं बनाकर सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा स्वाबलम्बन प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल का गठन किया गया है। मण्डल द्वारा संनिर्माण श्रमिकों का हिताधिकारियों के रूप में पंजीयन कर उन्हें मण्डल की योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है। उन्होंने बताया कि 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के श्रमिक जिन्होंने पिछले एक वर्ष में कम से कम 90 दिन तक निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया है पंजीयन के लिए पात्रा श्रमिक माना जाता है। आॅनलाईन पंजीयन के लिए ई-मित्रा केन्द्रो पर निर्धारित दस्तावेजों के साथ पंजीयन करवाया जा सकता है। इसके अलावा श्रमिक ग्राम सेवक, विकास अधिकारी, श्रम विभाग के कार्यालय तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संशाधन विभाग एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के समस्त सहायक अभियंताओं के कार्यालय से निर्धारित आवेदन पत्रा प्राप्त कर उसे वहीं जमा करवाकर भी पंजीकृत हो सकता है।
उन्होंने बताया कि भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा राज मिस्त्राी, पेंटर, फीटर, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, वैल्डर, बेलदार, मजदूर, मुख्य मजदूर, स्प्रेमेन, मिक्सरमेन, कुआं खोदक मजदूर-गोताखोर, हथौड़़़ा चलाने वाले, छप्पर डालने वाले, मिस्त्राी, लौहार, लकड़ी चीरने वाले, पम्प आॅपरेटर, रोलर चालक, खलासी, चैकीदार, पाॅलिसमेन, सूरंगकर्मी, मार्बल कर्मकार, खनन कर्मकार, चूना बनाने का कार्य करने वाले कुशल एवं अर्द्धकुशल कार्मिक को संनिर्माण श्रमिक माना गया है। इसी प्रकार पत्थर काटना-तोड़ना-पीसना, टाईल काटना-पाॅलिस करना, लकड़ी की पेंटिंग, वारनिशिंग, सिवरेज फीटिंग, नल फीटिंग, इलेक्ट्रीक, अग्निशमन उपकरण, ए.सी., लिफ्ट, धातु के फर्नीचर, जल संरक्षण संरचना, बढ़ईगिरी, लाईटिंग, प्लास्टर आॅफ पेरिस, ग्लास पैनल, ईंट निर्माण, ऊर्जा संरक्षण उपकरण, रसोई के माॅडयूलर निर्माण, कंक्रीट के माॅडयूलर निर्माण, खेल-कूद के लिए निर्माण, साईन बोर्ड, सड़क, फर्नीचर, शेल्टर, पब्लिक पार्क का कार्य करने वालों को श्रमिक की श्रेणी में रखा गया है। वहीं भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य के संबंध में शारीरिक, पर्यवेक्षणीय, तकनीकी अथवा लिपिकीय कार्य के लिए नियोजित किए गए व्यक्ति भी निर्माण श्रमिक है। प्रबंधकीय, प्रशासकीय तथा कम्पनी अधिनियम के अन्तर्गत कार्यरत कार्मिकों को निर्माण श्रमिक की परिभाषा में सम्मिलित नहीं किया गया है।
डाॅ. मलिक ने बताया कि पंजीयन के समय श्रमिक को आयु अथवा जन्म तिथि प्रमाणीकरण के लिए विद्यालय का प्रमाण पत्रा, जन्म-मृत्यु पंजीयक का प्रमाण पत्रा, मतदाता पहचान पत्रा, आधार, ड्राईविंग लाईसेंस, राशन कार्ड की छाया प्रति देनी होगी। इसके अलावा तीन रंगीन पासपोर्ट साईज फोटोग्राफ तथा ठेकेदार, रोजगार प्रदाता, श्रमिक संघ, श्रम निरीक्षक अथवा ग्राम सेवक द्वारा जारी इस आशय का प्रमाण पत्रा की श्रमिक ने पिछले एक वर्ष में 90 दिन अथवा उससे अधिक समय के लिए निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया है। पंजीयन के लिए 25 रूपए का पंजीयन शुल्क तथा 60 रूपए का अंशदान जमा करवाना होता है। पंजीयन शुल्क श्रमिक के कार्ड और डायरी बनाने के लिए एक बार लिया जाता है। जबकि अंशदान राशि प्रति माह 5 रूपए के अनुसार संपूर्ण वर्ष की एक साथ जमा करवाई जाती है। श्रमिक कार्ड का नवीनीकरण एक वर्ष पश्चात् किया जाता है उस समय अगले वर्ष की अंशदान राशि जमा करवायी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि मण्डल के द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित है। जिनका लाभ पंजीकृत संनिर्माण श्रमिक द्वारा उठाया जा सकता है। शिक्षा सहायता छात्रावृत्ति योजना के अन्तर्गत कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर तक अध्ययन करने पर अधिकतम दो बच्चों के लिए छात्रावृत्ति दी जाती है। कक्षा 6 से 8 तक के लिए छात्रों को एक हजार, छात्राओं को एक हजार 500 रूपए, कक्षा 9 से 12 तक के लिए छात्रों को 2 हजार व छात्राओं को 2 हजार 400 रूपए, स्नातक स्तर के लिए छात्रों को 3 हजार व छात्राओं को 4 हजार रूपए, स्नातकोत्तर कक्षा के विद्यार्थियों को 5 हजार तथा बी.ई. और एम.बी.बी.एस. जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए 8 हजार रूपए प्रतिवर्ष छात्रावृत्ति प्रदान की जाती है। पंजीकृत श्रमिक के बच्चे द्वारा आई.टी.आई. करने पर 5 हजार तथा पाॅलिटेक्नििक डिप्लोमा करने पर 8 हजार रूपए का सहयोग कौशल शक्ति योजना के अन्तर्गत दिया जाता है। कक्षा 8 से 12 तक 75 प्रतिशत तथा महाविद्यालय में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार दिया जाता है। इस योजना के तहत कक्षा 8 से 10 तक 2 हजार, 11 से 12 तक 3 हजार, स्नातक के लिए 5 हजार, पाॅलिटेक्निक के लिए 7 हजार, स्नातकोत्तर के लिए 10 हजार, व्यावसायिक स्नातक के लिए 20 हजार तथा व्यावसायिक स्नातकोत्तर के लिए 30 हजार रूपए का नकद पुरस्कार निर्धारित प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण होने पर दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि महिला संनिर्माण श्रमिक को 20 वर्ष की आयु के पश्चात् प्रथम दो प्रसव के लिए प्रसुति सहायता योजना के अन्तर्गत बेटी के जन्म पर 21 हजार तथा बेटे के जन्म पर 20 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। पूर्व में यह राशि 10 हजार और 6 हजार रूपए थी। हिताधिकारी एवं उसके परिजनों के रोगग्रस्त होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना द्वारा 30 हजार रूपए प्रतिवर्ष ईलाज के व्यय का पुर्नभरण किया जाता है। हिताधिकारी एवं उसके परिजनों के गम्भीर बीमारी से रोगग्रस्त होने पर 5 दिन या अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहने पर 50 हजार रूपए तक के चिकित्सा व्यय का पुर्नभरण किया जाता है। इसी प्रकार हिताधिकारी के द्वारा बैंक से 2 लाख रूपए तक का आवास ऋण लेने पर 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम 50 हजार का अनुदान बैंक खाते के माध्यम से दिया जाता है। हिताधिकारी की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख स्थायी पूर्ण अपंगता पर 3 लाख, आंशिक स्थायी अपंगता पर एक लाख गम्भीर घायल होने पर 20 हजार, साधारण घायल होने पर 5 हजार रूपए परिवार को दिए जाने का प्रावधान है। हिताधिकारी की सामान्य मृत्यु होने पर आश्रित को 75 हजार रूपए की सहायता दी जाती है। सिलिकोसिस पीडि़त होने पर हिताधिकारी को एक लाख तथा सिलिकोसिस पीडि़त की मृत्यु होने पर आश्रित को 3 लाख रूपए की सहायता मण्डल द्वारा प्रदान की जाती है।
संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त श्री सुधीर ब्रोका ने बताया कि 10 लाख से अधिक की राशि के निर्माण कार्य से जुड़े नियोजक अथवा ठेकेदार को प्रत्येक भवन एवं निर्माण कार्य की कुल लागत का एक प्रतिशत उपकर (सैस) सचिव, भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के पास जमा कराना होता है। यह उपकर सभी सरकारी विभागों सार्वजनिक उपक्रमों, स्थानीय निकायों एवं निजी क्षेत्रा के जरिए देय होगा। इस उपकर की कटौती निर्माण कार्यों के भुगतान के बिलों में से की जाकर बोर्ड को हस्तातंरित की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न अधिकारियों को उपकर राशि निर्धारण के लिए उपकर निर्धारक (असैसिंग आॅफिसर) एवं उपकर संग्रहक (सैस कलक्टर) नियुक्त किया गया है।

error: Content is protected !!