अजमेर दिनांक 10 अप्रैल 2016, राजस्थान प्रदेश राजीव गाँधी यूथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल गंगवाल, प्रदेश महासचिव विकास अग्रवाल व प्रदेश महासचिव विवेक पाराशर कांग्रेस विधि एवं मानवाधिकार प्रकोष्ठ (विधि विभाग) ने आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री व सीबीएसई चेयरमैन को पत्र लिखकर मिशनरीज़ व प्राइवेट स्कूलों में हो रही धांधली से अवगत करा कर उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कमेटी बिठा कर दोषी स्कूलों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है |
गंगवाल व अग्रवाल ने बताया कि स्कूलों के शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है और स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्रों व अभिभावकों को उनके बताये गये स्थान से ही पाठ्यसामग्री, यूनिफार्म, बैग्स, आदि लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल प्रबंधन व जिस जगह से उपरोक्त सामग्री बेचीं जा रही है के बीच कुछ न कुछ सैट है | अभिभावकों को उनके छात्रों के लिए पाठ्य व अन्य सामग्री लेने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहकर व मुहमांगी रकम दे कर उक्त सामग्री मजबूरन खरीदनी पड़ रही है जिससे अभिभावकों का पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहा है | एक और जहाँ अभिभावकों की कमर पहले से ही महंगाई से टूट रही है ऊपर से मिशनरीज व प्राइवेट स्कूलों के तुगलकी फरमान से अभिभावाक काफी परेशान हो गए हैं | पत्र में यह भी हवाला दिया है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रत्येक वर्ष पाठ्य सामग्री व यूनिफार्म में कुछ न कुछ परिवर्तन कर दिया जाता हैं जिससे कि छात्रों के पास पाठ्य व अन्य सामग्री को नयी खरीदने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प शेष नहीं रहता है | जो अभिभावक आर्थिक रूप से कमजोर हैं वे सेकंड हैण्ड किताबों से ही अपना काम चलाना चाहते हैं उनके लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा यह विकल्प बंद कर दिया जाता है और अभिभावकों को हजारों रुपयों की किताबें नयी ही खरीदने दो मजबूर होना पड़ रहा है | पत्र में ऐसे स्कूलों के खिलाफ जांच अभियान शुरू करने की मांग की है जिन्होनें शिक्षा का कर दिया है व्यवसाईकरण और यह भी जांच करने की मांग की है कि जो निर्धारित प्रतिशत गरीब श्रेणी के बच्चो को निशुल्क प्रवेश व अन्य सहायता देने के जो नियम है उनकी स्कूल प्रबंधन द्वारा पालना की जा रही है या नहीं |
गंगवाल व अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अभी हाल ही इस सम्बन्ध में स्कूलों की जांच हेतु जो कमेटी का गठन किया है वह केवल कागजी न होकर प्रभावी रूप से उड़नदस्ते के रूप में स्कूलों का औचक निरिक्षण कर जांचे की वास्तव में जिन स्कूलों ने शिक्षा का व्यवसाईकरण कर रखा है उनके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही करे जिससे इन पर लगाम लग सके | पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में गंगवाल, अग्रवाल व पाराशर सहित शरद कपूर, अनुपम शर्मा, सुदेश पाटनी, प्रहलाद माथुर, महेश गर्ग, ललित पांड्या, संयम गंगवाल, शौर्य अग्रवाल, अनिल खंडेलवाल, विजय पांड्या, मनोज बेदी, प्रेमसिंह गौड़, दक्ष पाराशर, आदि थे |
प्रदेश महासचिव
विकास अग्रवाल
